ठाणे, महाराष्ट्र की एक विशेष अदालत ने जेल में बंद डॉन दाउद इब्राहिम के भाई इकबाल कास्कर की एक याचिका खारिज कर दी है। दरअसल वसूली के आरोप में मुंबई के जेल में बंद कास्कर ने विभिन्न प्रकार के बीमारियों का हवाला देते हुए अदालत से घर के बने भोजन की अनुमति के लिए याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश ए. एस. भैसारे ने कहा कि वर्तमान में ठाणे जिला केंद्रीय कारावास में बंद कास्कर के डॉक्टर ने किसी प्रकार के विशेष डायट की बात नहीं की है इसलिए कास्कर की याचिका को खारिज किया जाता है।
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा, कास्कर ने अपने आवेदन में घर के बने भोजन की अनुमति देने के लिए कोई उचित आधार नहीं बताया था। इसलिए उसकी अपनी इच्छा और पसंद के आधार पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि, कास्कर ने अपने आवेदन में यह निवेदन किया था कि उन्हें घर के बने हुए भोजन दिए जाने की अनुमति दी जाए। उसने अपने आवेदन में यह भी उल्लेख किया था कि वह चूंकि डायबिटीज और ब्लड प्रेशर का मरीज है और उसका इलाज भी चल रहा है इसलिए उसे घर के बने खाने की आवश्यकता है। उसने लिखा कि अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए उसे घर के भोजन की जरुरत है।
कास्कर ने यह भी कहा कि इसके पहले भी जब वह एक मामले में मुंबई के केंद्रीय जेल में 2003 से 2007 के बीच बंद था तो उसे घर के बने भोजन दिए जाने की अनुमति दी गई थी और उसने कभी भी इस सुविधा का गलत फायदा नहीं उठाया। इस पर अभियोजन पक्ष ने यह कहते हुए याचिका को खारिज कर दिया कि जेल में ही उनके दवाईयों और खाने की उचित सुविधाओं का प्रबंध किया गया है, और इसके लिए उन्हें घर के भोजन की कोई आवश्यकता नहीं है।
आपको बता दें कि मुंबई के ठाणे पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पिछले साल 18 सितंबर को कुछ अन्य लोगों के साथ कास्कर को गिरफ्तार किया था। उन पर दाउद इब्राहिम के नाम पर शहर के ही किसी बड़े बिल्डर को धमकाने, वसूली करने और फ्लैट लूटने का आरोप था। इस मामले में कास्कर पर आईपीसी की धारा 384 (वसूली के लिए सजा), धारा 386 (किसी को मारने की धमकी देते हुए वसूली करना) और धारा 34 के तहत मामला दर्ज किया गया था। बता दें कि, कास्कर जिसे यूएई से 2003 में भारत लाया गया था, कहा जाता है कि वह मुंबई में तब से अपने भाई दाउद इब्राहिम के नाम पर रियल स्टेट का बिजनेस चलाता था।