कंगना रनौत और निर्देशक करण जौहर के बीच ‘नेपोटिज्म’ (परिवारवाद) को लेकर लंबे समय से बहस चल रही है। करण के चैट शो पर आई कंगना ने करण को बॉलीवुड में नेपोटिज्म का सबसे बड़ा समर्थक बता चुकी हैं। इसी विवाद को आगे बढ़ाते हुए करण जौहर, सैफ अली खान और वरुण धवन ने न्यूजर्सी में हुए आईफा अवॉर्ड्स में भी ‘नेपोटिज्म रॉक्स’ का नारा लगा कर फिर से इस विवाद को बढ़ा दिया है। मगर अब करण को अपने इस नारे पर पछतावा हो रहा है। करण जौहर ने एक न्यूज चैनल से विशेष बातचीत में अपनी इस टिप्पणी पर अफसोस जताया है। करण ने न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा, ‘ मैं पूरी तरह इस बात पर विश्वास करता हूं कि परिवारवाद काम नहीं करता। यदि कुछ मायने रखता है, तो वह है सिर्फ टैलेंट, मेहनत और समर्पण। जो हमने कहा था, वह सिर्फ मजाक था और मुझे लगता है वह गलत जगह पर, गलत तरीके से ले लिया गया। मुझे इसका दुख है।’
आपको बता दें कि जब मेटलाइफ स्टेडियम के मंच पर एक्टर वरुण धवन फिल्म ‘ढिशूम’ के लिए बेस्ट कॉमिक एक्टर का पुरस्कार लेने पहुंचे, तो सैफ ने मजाक में कहा कि वह (वरुण) फिल्म उद्योग में आज इस मुकाम पर अपने पापा की वजह से हैं। वरुण भी नहीं चूके और उन्होंने भी कह दिया और आप यहां अपनी मम्मी (शर्मिला टैगोर) की वजह से हैं।’ इस पर करण ने तुरंत कहा, ‘मैं यहां अपने पापा (दिवंगत फिल्मकार यश जौहर) की वजह से हूं।’ फिर तीनों ने एक साथ कहा, ‘परिवारवाद ने मचाई धूम (नेपोटिज्म रॉक्स)।’
Best Performance in a Comic Role – @Varun_dvn for Dishoom. #IIFA2017 pic.twitter.com/RnF3rGroC7
— IIFA Awards (@IIFA) July 16, 2017
आपको बता दें कि आईफा अवॉर्ड में इन तीनों की इस टिप्पणी के बाद उनकी काफी किरकिरी हुई और सोशल मीडिया पर लोगों ने कंगना का पक्ष लेते हुए ‘परिवारवाद’ के इस नारे पर उनकी खिंचाई की। इस पर मंगलवार को ही वरुण धवन ने अपनी बात पर माफी मांग ली। वरुण ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘मैं माफी मांगता हूं और अफसोस जताता हूं। यदि मैंने किसी को उस एक्ट से तकलीफ या चोट पहुंचाई है, तो मैं तहेदिल से माफी मांगता हूं।’
गौरतलब है कि फिल्म ‘क्वीन’ की अभिनेत्री कंगना ने करण जौहर के चैट शो ‘कॉफी विद करण’ में उन्हें परिवारवाद का ध्वजवाहक यानी परिवारवाद को बढ़ावा देने वाला कहा था।
करण जौहर ने न्यूूज चैनल से बात करते हुए कहा, ‘इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि मेरे और कंगना के बीच में क्या विवाद है। मेरी परवरिश एक अच्छे और सभ्य परिवार में हुई है और मुझे लगता है कि मैं कहीं न कहीं उस आधार पर फेल हुआ हूं। मुझे लगता है कि इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि किसी विषय पर मैं क्या सोचता हूं, मगर मुझे इस विषय को बार-बार नहीं उठाना चाहिए और इस बात के लिए मैं काफी अफसोस महसूस कर रहा हूं।’
करण जौहर ने कहा, ‘यह बात हमने सिर्फ मजाक में कही थी। इसे कहने की जगह गलत हो सकती है, तरीका गलत हो सकता है या यह एक बेकार जोक हो सकता है, मगर यह किसी को दुखी करने या परेशान करने के लिए नहीं था। मैं उस पल में थोड़ा बहक गया था और मुझे उसका पछतावा है।’