नई दिल्ली : मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के परम भक्त कहे जाने वाले ‘हनुमान जी ‘ की उपासना प्रत्येक हिन्दू धर्म का अनुयायी करता है। हनुमान जी की उपासना करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति हर रोज़ हनुमान चालीसा का पाठ भी करता है। सिर्फ हिंदू धर्म ही नहीं बल्कि अन्य धर्मों के मानने वाले भी हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। अभी पिछले ही दिनों का वाक्या ले लीजिये। कुछ मुस्लिम महिलाओं ने हनुमान चालीसा का पाठ और सामूहिक आरती करके सच्चे धर्म की अद्भुत मिसाल पेश की थी। हिन्दू धर्म के उपासक तो हर रोज़ अपने दिन में एक बार तो ज़रूर हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। हनुमान चालीसा का पाठ करने से मन से भय ,द्वेष और संदेह बाहर चले जाते हैं और विश्वास और ज्ञान की ज्योति प्रज्जवलित होती है। मगर ये बहुत कम लोग जानते होंगे कि हनुमान चालीसा के पाठ करने का भी एक सही तरीका होता है और अगर आप उसी तरीके से रोज़ाना हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं तो काफी अच्छी बात है लेकिन आपसे चालीसा पाठ में अगर थोड़ी सी भी भूल हो गयी तो हनुमान जी आपसे प्रसन्न होने की जगह उल्टा रुष्ट हो जाएंगे।
भूल कर भी ना करियेगा ये गलती,वरना …… 
कई बार आपने आजमाया होगा कि आप नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करते होंगे मगर फिर भी आपको आपके कष्टों से मुक्ति नहीं मिल पा रही होगी ,बनते काम बिगड़ जाते होंगे ,हर एक अपना आपसे बिछड़ जा रहा होगा और आपको जीवन में सिर्फ नकारात्मक पहलू ही नज़र आ रहे होंगे। तो इसका अर्थ ये है कि आप हनुमान चालीसा का पाठ करते समय ये गलती जो असल में पाप होती है ये उसका ही दंडस्वरूप होता है कि आपके साथ इतना गलत हो रहा होता है। तो आज हम आपको वो गलती बताने जा रहे हैं जिसे आप भूल से भी हनुमान चालीसा का पाठ करते वक़्त मत कीजियेगा।
इस तरीके से करेंगे चालीसा पाठ तो हमेशा प्रसन्न रहेंगे हनुमान 
1 हनुमान चालीसा का पाठ सदैव स्नान करने के बाद प्रातः काल के समय ही करना उचित होता है। बेवक़्त कहीं पर भी हास्य-परिहास में भी इसका पाठ करना अनुचित होता है।
2 हनुमान चालीसा का पाठ करते समय ये ध्यान रखियेगा कि आपने साफ़ और धुले हुए ही कपडे धारण किये हों।
3 हनुमान चालीसा का पाठ सिर्फ मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति अथवा चित्र के सामने सिर्फ लाल रंग के ऊनी आसन पर ही बैठ कर किया जाना चाहिए।
4 हनुमान चालीसा का पाठ करते समय हनुमान जी की मूर्ति पर चमेली के तेल से स्नान करने के बाद सिंदूर से श्रृंगार करने के बाद उन्हें जनेऊ ज़रूर पहनाना चाहिए।
5 इसके बाद ही सच्चे मन से हनुमान चालीसा का पाठ आरम्भ करें और पाठ के दौरान अपने मन को भटकने मत दीजियेगा।
6 हनुमान चालीसा के पाठ के बाद हनुमान जी को सिर्फ गुड़ अथवा बूंदी का ही प्रसाद चढ़ाना उचित होगा।
7 पाठ शनिवार या मंगलवार को शुरु करें और लगातार 40 दिनों तक करते रहे। इसके अलावा, हर शनिवार और मंगलवार को अगले 11 शनिवार और अगले 11 मंगलवार तक एक दिन में 21 बार पाठ करें।
8 इन सभी नियमों का ख़ास ध्यान रखते हुए अगर आप हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे तो निश्चित ही हनुमान जी की आप पर कृपा बरसेगी और आपकी ज़िन्दगी से अंधकार खत्म होगा और खुशियों का आगमन होगा।