नई दिल्ली: दिल्ली की पहचान बन चुकी झंडेवालान में लगी 108 फुट की हनुमान की विशाल प्रतिमा को हटाया जा सकता है. करोल बाग इलाके में अवैध निर्माणों और अतिक्रमण को हटाने की याचिका पर सुनवाई करते दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रशासन से करोल बाग में लगी इस प्रतिमा को एयरलिफ्ट करने पर विचार करने के लिए और इस सम्बन्ध में उपराज्यपाल से बात करने के लिए कहा है.
जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी. हरिशंकर की बेंच ने कहा है कि अमेरिका में कई गगनचुंभी इमारतों को अपनी जगह से हटाकर दूसरी जगह री-लोकेट किया जा चुका है, ऐसा भारत में भी किया जा सकता है.
इस सम्बन्ध में मंदिर के महंत ओम प्रकाश गिरी ने कहा कि कोर्ट का जो मशवरा है ऐसा कुछ भी हम नहीं सोच रहे है और ना ही मंदिर को यहां से हटाने की बात सोच सकते है. महंत के मुताबिक अतिक्रमण और ट्रैफिक की और भी दूसरी वजहें हैं सिर्फ मंदिर नहीं. हम कोर्ट से अपील करते हैं कि समस्या का कोई दूसरा विकल्प ढूंढें, मंदिर शिफ्ट करना कोई विकल्प नहीं.
करोल बाग में जो पार्किंग होती है उससे भी ट्रैफिक होता उसे हटाने की बात सोचनी चाहिए. यह मंदिर बहुत पुराना है यह आस्था से जुड़ा मामला है ऐसे इसे नहीं हटाया जा जा सकता. महंत के मुताबिक इस मंदिर का इतिहास तकरीबन 150 साल पुराना है.
महंत ने बताया की इस मंदिर में हनुमान की प्रतिमा को बनाने का काम 1994 में महंत नागा बाबा सेवा गिरी जी महाराज के द्वारा शुरू किया गया और यह प्रतिमा 2007 में बन कर तैयार हुई है. 108 फुट ऊंची हनुमान की इस प्रतिमा को बनाने में कुल 13 साल लगे हैं.