राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद महाराष्ट्र की पहली यात्रा के एकदिवसीय दौरे पर नागपुर पहुंचे हैं। वह इस दौरान विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। महाराष्ट्र के पहले एक दिवसीय आधिकारिक दौरे पर गये राष्ट्रपति का गर्मजोशी से स्वागत हुआ।
डॉ.बाबासाहेब अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर राज्यपाल सी.वी.राव, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी, अन्य नेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।
आगमन के तुरंत बाद वह भारतीय संविधान के निर्माता बाबा भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि देने के लिए सड़क मार्ग से दीक्षाभूमि के लिए रवाना हो गए।
जहां उन्होंने संविधान निर्माता बाबा भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान की रचना करके बाबा साहेब अंबेडकर ने बुद्ध के समय की लोकतान्त्रिक परंपरा की फिर से प्रतिष्ठा की। दीक्षाभूमि पर 60 साल पहले अंबेडकर ने अपने 600,000 अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी।
राष्ट्रपति नागपुर के कम्प्ती में ड्रैगन पैलेस मंदिर में विपस्सना ध्यान केंद्र का उद्घाटन का उद्घाटन भी किया। उद्घाटन के दौरान राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि महाराष्ट्र अध्यात्म की पावन धरती है। कहा योग की तरह विपस्सना को भी किसी धर्म विशेष से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। यह पूरी मानवता के कल्याण के लिए है करीब एक घंटे तक चलने वाले बुद्ध वंदना कार्यक्रम में भी शामिल हुए। अंत में राष्ट्रपति नागपुर नगर निगम के कवि सुरेश भट्ट ऑडिटोरियम का उद्घाटन करेंगे। जो विदर्भ के जाने-माने मराठी कवि व गीतकार को समर्पित है। 2003 में नागपुर में उनका देहांत हो गया था। राष्ट्रपति कोविंद बाद में रामटेक के पास शांतिनाथ जैन मंदिर में प्रार्थना करने भी जाएंगे।