आधार

आजकल निजी विश्वविद्यालयों में ‘फर्जी’ टीचरों की कमी नहीं है और सरकार भी इस पर रोक नहीं लगा सकी है। विश्वविद्यालय में कुछ टीचर क्लास ही नहीं लेते हैं। इस फर्जीवाड़े पर रोक लगाने और क्वॉलिटी एजुकेशन सुनिश्चित करने के लिए नैशनल असेस्मेंट ऐंड ऐक्रेडिटेशन काउंसिल (NAAC) ने यूनिवर्सिटियों की फैकल्टी प्रोफाइल को आधार से लिंक करने वाली है।

कॉलेजों के ग्रेडिंग सिस्टम को और बेहतर बनाने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस बाबत NAAC को निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों में यह भी विचार किया गया है कि कॉलेजों की फैकल्टी के आधार डीटेल्स लिए जाएं। नई ऐक्रिडिटेशन नीति को अगस्त से लागू किया जा सकता है। नई नीति के मुताबिक अगर कॉलेज NAAC को गलत जानकारी देते हैं तो उन पर सख्त कार्रवाई भी की जाएगी। इस नई पहल के जरिए स्टूडेंट्स के लिए प्राइवेट यूनिवर्सिटियों में बेहतर सुविधाएं और क्वॉलिटी एजुकेशन सुनिश्चित की जा सकेगी

सूत्रों के मुताबिक, इस कदम से इंस्टिट्यूट अपनी फैकल्टी के बारे में झूठ नहीं बोल सकेंगे क्योंकि उनकी प्रोफाइल आधार के जरिए चेक की जा सकेगी। अधिकारियों ने बताया कि अभी ऐक्रेडिटेशन के लिए अक्सर कॉलेज फर्जी जानकारी देते हैं लेकिन जब वास्तव में इंस्टिट्यूट के पास उपयुक्त फैकल्टी नहीं पाई जाती है।