लाहौर : पाकिस्तान के लाहौर में आतंकवाद विरोधी न्यायालय ने शनिवार को पंजाब प्रांत के कसूर शहर में हुए 7 साल की लड़की ज़ैनब के बलात्कार और हत्या के बहुचर्चित मामले में 2 माह के अंदर ही फैसला सुनाते आरोपी इमरान अली को मौत की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस मामले को बेहद संगीन माना और कहा कि बलात्कारी को चार बार मौत की सजा मिलनी चाहिए। आरोपी इमरान अली पीड़ित लड़की का पड़ोसी था और उसके डीएनए का मिलान पीड़िता के शरीर पर मिले नमूने से होने पर उसे गिरफ्तार कर केस दर्ज किया गया था।
बाद में पुलिस जांच में अली (23) ने जांच टीम के सामने इकबाल-ए-जुर्म कर लिया था। पुलिस ने इस वारदात के बाद 14 दिनों में 1,150 लोगों के डीएनए की जांच की थी।सुप्रीम कोर्ट ने दोषी को पकड़ने के लिये पुलिस महानिरीक्षक को 72 घंटे की समयसीमा दी थी।घटना के खिलाफ देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे।
पुलिस ने तय कर लिया था कि ज़ैनब के घर के अढाई किलोमीटर के दायरे में रहने वाले 20 से 45 साल के सभी पुरुषों की डीएनए जांच की जाएगी। इमरान का डीएनए 100 फीसदी मैच हुआ ।इसके अलावा इमरान का डीएनए उन सभी घटनाओं में मैच हुआ जो पिछले कुछ दिनों में इस इलाके में हुई थीं। सूत्रों के अनुसार अली पीड़ित जैनब के परिवार वालों से घुलामिला हुआ था और अक्सर उसके घर आता-जाता रहता था। अली को पहले हिरासत में लिया गया था, लेकिन लड़की के परिवार ने जब कहा कि वह दोषी नहीं हो सकता तो उसे छोड़ दिया गया था।
क्या था मामला
5 जनवरी को जैनब कसूर में अपने घर के पास से ट्यूशन जाते वक्त लापता हो गयी थी।उसके माता-पिता उमरा करने के लिए सऊदी अरब गए हुए थे और वह अपनी एक रिश्तेदार के साथ रह रही थी।अपहरण के बाद एक सीसीटीवी फुटेज में वह पीरोवाला रोड के पास एक अजनबी के साथ जाती दिखाई दी। इसके बाद 9 जनवरी को शाहबाज खान रोड के पास कचरे के एक ढेर से उसका शव बरामद किया गया था जिसके बाद पाकिस्तान में आक्रोश फैल गया था। पाक में इस घटना के खिलाफ लोगों ने जमकर प्रदर्शन किए थे।