डेरा प्रमुख राम रहीम रेप केस में इंसाफ का परचम बुलंद करने वाले जस्टिस जगदीप सिंह का किरदार इस धर्मयुद्ध में किसी नायक से कम नहीं है। उन्होंने इस केस में न्याय करते हुए राम रहीम को 20 साल की सजा सुनाई है। इसके बाद जज जगदीप सिंह और उनके परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। जज औऱ उनके परिवार को जेड प्लस की सुरक्षा दी गई है। अब 10 कमांडो सहित 55 पुलिसकर्मी उनकी सुरक्षा करेंगे।
जज जगदीप सिंह को उनकी ईमानदार और सख्त छवि के लिए जाना जाता है। इस हाईप्रोफाइल मामले में भी उन पर डेरे के समर्थकों समेत राजनीतिक हलकों से भी दबाव था। एक दबाव उन दो लाख डेरा समर्थकों का भी था, जो पंचकूला में हिंसा के लिए जुटे हुए थे। इसके बाद भी वह डरे नहीं और दो साध्वियों से रेप के मामले में रेप के आरोपी गुरमीत राम रहीम को 20 साल जेल भेजने का फैसला सुनाया।
उनके सख्त रूख का अंदाजा इसी बात से ही लगाया जा सकता है कि जब शुक्रवार को उन्होंने राम रहीम को दोषी करार दिया, तो वकीलों और सीबीआई के कुछ अधिकारियों को छोड़कर उन्होंने सभी को कोर्ट रूम से बाहर कर दिया था।
दोषी करार दिए जाने के बाद केंद्र सरकार ने हरियाणा की खट्टर सरकार को जज जगदीप सिंह को जरूरी और उनके अनुसार सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए थे। बीते साल ही सीबीआई के स्पेशल जज बनाए गए जगदीप सिंह ने 2012 में हरियाणा ज्यूडिशियल सर्विसेज में जॉइन किया था।
उनकी पहली नियुक्ति सोनीपत में हुई थी। सीबीआई कोर्ट के जज के तौर पर जगदीप सिंह की यह दूसरी पोस्टिंग है। दरअसल हाई कोर्ट प्रशासन की ओर से तमाम तरह की चेकिंग के बाद सीबीआई कोर्ट के जज की नियुक्ति की जाती है।
वह सख्त जज होने के अलावा नरम दिल के इंसान भी हैं। दरअसल साल 2016 में बतौर स्पेशल जज वह हिसार से पंचकूला जा रहे थे। रास्ते में उन्हें एक्सीडेंट में घायल एक शख्स मिला। जज जगदीप सिंह ने फौरन अपनी सरकारी गाड़ी से उस घायल व्यक्ति को पहले अस्पताल पहुंचाया था।
अपनी इस नरम दिली से जज जगदीप सिंह ने लोगों का दिल जीत लिया था। वहीं सोमवार को राम रहीम को 20 साल की सजा सुनाते हुए, उन्होंने न सिर्फ जनता में इंसाफ की आस जगाई है बल्कि रसूखदार गुनाहगारों को ये भी बता दिया है कि कानून सभी के लिए बराबर होता है।