आगरा, हिन्दुओं की आस्था का केंद्र कुंभ मेले की भारतीय परम्परा मात्र एक मेले के रूप में नहीं, वरन उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह एक ऐसा मेला है जहां लोग श्रद्धा के सागर में उपासना की डुबकी लगाते नजर आते हैं।
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 2019 में यूपी के इलाहाबाद में होने वाले कुंभ मेले का न्यौता मंगलवार को ताज महल का दीदार करने आगरा पहुंचे इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को भी दिया है।
योगी आदित्यनाथ ने आगरा के होटल अमर विलास में बेंजामिन नेतन्याहू के साथ लंच के बाद उन्हें कुंभ का लोगो भेंट किया और मेले में आने का निमंत्रण भी दिया। वहीं इजराइल पीएम भी उनके न्यौते को स्वीकारते हुए नजर आये और योगी की मेहमान नवाजी की तारीफ की। इसके बाद वो दिल्ली के लिए रवाना हो गए। ज्ञात हाे कि इजराइल प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू 6 दिनों के भारत दौरे पर हैं।
जानिए कुंभ मेले की मान्यता
आपको बता दें कि कुंभ मेले का इतिहास कम से कम 850 साल पुराना है। माना जाता है कि आदि शंकराचार्य ने इसकी शुरुआत की थी, लेकिन कुछ कथाओं के अनुसार कुंभ की शुरुआत समुद्र मंथन के आदिकाल से ही हो गई थी। मंथन में निकले अमृत का कलश हरिद्वार, इलाहाबाद, उज्जैन और नासिक के स्थानों पर ही गिरा था, इसीलिए इन चार स्थानों पर ही कुंभ मेला हर तीन बरस बाद लगता आया है। 12 साल बाद यह मेला अपने पहले स्थान पर वापस पहुंचता है।