लखनऊ, 11 सितम्बर 2021
जब कोई व्यक्ति गंभीर बीमारी से जूझ रहा हो तो घर के बड़े उसका ख्याल रखते है। लेकिन अगर गंभीर बीमारी के साथ गंभीर आर्थिक संकट हो तो स्थिति विषम हो जाती है। ऐसी ही स्थिति से उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कइयों को उबारा है। प्रदेश में गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपना दिल बड़ा करते हुए खजाना खोल दिया है। भाजपा सरकार आने के बाद प्रदेश में 71 हजार लोगों की करीब 11.29 अरब रुपये की मदद इस मामले में की जा चुकी है। सूचना पहुंचने के बाद पीड़ित तक मदद पहुंचाने की कोशिश में शासन जुटा हुआ है।
ऐसा ही एक मामला गोरखपुर में आया जहां के शेषपुर निवासी रुचि गुप्ता का कहना है कि मेरी तो हर सांस अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति अहसानमंद है। घर की माली हालत बेहद खराब थी और ऊपर से हृदय की गंभीर बीमारी। जान बचने की कोई उम्मीद नहीं। उन्होंने बताया कि उन्होंने सारी उम्मीद ही छोड़ दी थी। उन तक फरियाद पहुंचने के दो दिन के भीतर इलाज के लिए सारी रकम का इंतजाम हो गया।
हृदय की गंभीर बीमारी से पीड़ित रुचि गुप्ता ने तो जीने की उम्मीद ही छोड़ दी थी। उनका हार्ट का वाल्व बदलना जरूरी था और कमजोर आर्थिक स्थिति के चलते 6 लाख रुपये से अधिक का खर्च उठा पाना उनके लिए संभव नहीं था। मेदांता में इलाज के लिए सीएम ने पहले 3.07 लाख रुपये स्वीकृत किए, प्रधानमंत्री के कोष से भी 50 हजार की मदद मिली। शेष धनराशि की जब व्यवस्था नहीं हो पाई तो उनकी फरियाद दोबारा मुख्यमंत्री तक पहुंची। इसके अगले दो दिन में जरूरी 2.5 लाख रुपये का इंतजाम हो गया।
रुचि गुप्ता के इलाज में मुख्यमंत्री योगी तक फरियाद पहुंचाने का माध्यम बने पार्षद व नगर निगम गोरखपुर के उपसभापति ऋषि मोहन वर्मा कहते हैं कि मुख्यमंत्री जी ने गंभीर बीमारियों से पीड़ितों की मदद में ऐतिहासिक कार्य किया है। इसमें जाति, पंथ, मजहब या क्षेत्र का विभेद नहीं किया। उनके संज्ञान में मामला आते ही, भरपूर मदद मिली।
19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश की कमान संभालने के बाद सीएम योगी गंभीर बीमारी से पीड़ित 71626 लोगों को 11 अरब 29 करोड़ 48 लाख 53 हजार 676 रुपये की धनराशि मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से उपलब्ध करा चुके हैं। इस दौरान प्रार्थना पत्र या जनप्रतिनिधि के माध्यम से मामला संज्ञान में आने के बाद मदद की कोशिश की गई। सोशल मीडिया के जरिये सूचना पहुंचने पर भी मदद दी गयी।
सीएम विवेकाधीन कोष से गंभीर बीमारियों के इलाज में योगी आदित्यनाथ की तरफ से दी गई मदद
वित्तीय वर्ष लाभान्वित लोग सहायता राशि
2017-18 13228 1846378750
2018-19 17772 2563461400
2019-20 18104 2802356695
2020-21 15343 2757175036
2021-22 7269 1325481795
(वित्तीय वर्ष 2017-18 के आंकड़े 19 मार्च 2017 से तथा वर्तमान वित्तीय वर्ष के आंकड़े 7 सितम्बर तक के हैं)
सेहत के मामले में योगी अपने संसदीय कार्यकाल (1998) से ही फिक्रमंद दिखते हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद इसमें और तेजी दिखी है। सीएम बनने से पहले गोरक्षपीठ के अंतर्गत उन्होंने गुरु श्रीगोरक्षनाथ अस्पताल लोगों के लिए खोला था जिससे को सस्ते व अत्याधुनिक इलाज का एक बेहतर ठौर उपलब्ध कराया। इस अस्पताल ने सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य मेला भी लगाया। बता दें कि उत्तर प्रदेश में 59 जिलों में मेडिकल कॉलेज कुछ बन गए हैं जबकि कुछ मेडिकल कॉलेज निमार्णाधीन या स्वीकृत हैं। जो 16 जिले शेष रह गए हैं, वहां पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज का बनना तय हो गया है।