लगातार गिरती जीडीपी और चरमरा रही अर्थव्यवस्था के कारण मोदी सरकार की मुश्किलें काफी बढ़ रही हैं। बीजेपी के दिग्गज नेता और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने वित्त मंत्री अरुण जेटली पर निशाना साधा है। यशवंत सिन्हा ने नोटबंदी के फैसले पर भी सरकार को आड़े हाथों लिया है, उन्होंने कहा कि, ‘नोटबंदी ने गिरती जीडीपी में आग में तेल डालने की तरह काम किया है।’
यशवंत सिन्हा ने तंज कसते हुए कहा कि, ‘पीएम मोदी कहते हैं कि उन्होंने गरीबी को काफी करीबी से देखा है। ऐसा लगता है कि उनके वित्तमंत्री इस तरह का काम कर रहे हैं कि वह सभी भारतीयों को गरीबी को काफी पास से दिखाएं।’
एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित लेख में यशवंत सिन्हा ने कहा कि, ‘आज के समय में न ही नौकरी मिल रही है और न ही विकास तेज हो रहा है। इनवेस्टमेंट घट रही है और जीडीपी भी घट रही है। जीएसटी को ठीक तरीके से लागू नहीं किया गया है, जिसकी वजह से नौकरी और बिजनेस पर काफी फर्क पड़ा है।
जेटली पर वार करते हुए, उन्होंने लिखा कि, ‘इस सरकार में वह अभी तक सबसे बड़ा चेहरा रहे हैं। कैबिनेट का नाम तय होने से पहले ही यह तय माना जा रहा था कि जेटली ही वित्त मंत्री बनेंगे। अपनी लोकसभा सीट हारने के बाद भी उन्हें मंत्री बनने से कोई नहीं रोक सका।’
सिन्हा ने लिखा कि, ‘इससे पहले वाजपेयी सरकार में जसवंत सिंह और प्रमोद महाजन को भी वाजपेयी के करीबी होने के बावजूद भी मंत्री नहीं बनाया गया था। मगर जेटली को वित्त मंत्रालय के साथ ही रक्षा मंत्रालय भी मिला।’ उन्होंने लिखा कि, ‘मैंने वित्त मंत्रालय संभाला है, मुझे पता है ये आसान काम नहीं है। यह एक 24 घंटे का काम है, जिसे जेटली जैसे सुपरमैन भी पूरा नहीं कर सकते हैं।’
सिन्हा ने कहा कि, ‘जीडीपी अभी 5.7 है, सभी को याद रखना चाहिए कि सरकार ने 2015 में जीडीपी तय करने के तरीके को बदला था। यदि पुराने नियमों के हिसाब से देखा जाए, तो आज के समय में 3.7 जीडीपी होती।’