बंगलुरु, पत्रकार गौरी लंकेश हत्याकांड मामले में SIT तहकीकात कर रही है। इस मामले में लेखक विक्रम संपत के बयान दर्ज किए हैं। विक्रम संपत ने बताया कि कुछ दिन पहले जब वह लंदन से वापस आए तो SIT का एक अधिकारी उनके घर गौरी लंकेश मामले में उनका बयान दर्ज करने आया था। एसआईटी अधिकारी का यह रवैया रचनात्मक नहीं था, लेकिन कानून का पालन करने वाले किसी भी शहरी की तरह उन्होंने जांच में सहयोग दिया।
उन्होंने कहा कि, न तो ऐसा कोई लेख लिखा न ही उनके लेखों पर कोई प्रतिक्रिया दी, बल्कि यह काम खुद गौरी ने किया है। उन्होंने उनको सार्वजनिक रूप से बदनाम किया।
बता दें कि गौरी लंकेश कन्नड़ टेबलॉयड ‘लंकेश पत्रिका’ की संपादक थीं। उन्होंने अपने टेबलॉयड में 2015 में लेखकों के अवार्ड वापसी अभियान का विरोध करने के लिए विक्रम संपत पर कुछ आलोचनात्मक लेख लिखे थे।
बता दें कि कर्नाटक की जर्नलिस्ट गौरी लंकेश का मर्डर केस कलबुर्गी, पानसरे और दाभोलकर की हत्या के जैसा ही है। कलबुर्गी मर्डर केस की जांच कर रही सीआईडी की टीम भी कर रही है। सीआईडी टीम एसआईटी की टीम की भी मदद कर रही है, जो लंकेश की हत्या की जांच कर रही है।
एक न्यूज पोर्टल से बातचीत के दौरान सीआईडी टीम ने कहा है कि, ‘वह काफी आश्वस्त हैं कि जिस पिस्टल से कलबुर्गी, पानसरे और दाभोलकर की हत्या की गई है, उसी से गौरी लंकेश की भी हत्या हुई है। हमने एसआईटी टीम के साथ जानकारी शेयर कर दी है, अब यह एसआईटी पर निर्भर करेगा कि वह किस तरह इस लिंक को मजबूत करते हैं।’