लद्दाख में भारत और चीन में बढ़ते तनाव के बीच भारतीय सेना ने अपनी तैयारी को पुख्ता करना तेज कर दिया है। भारत ने इजरायल से 4 हेरोन मार्क-2 ड्रोन खरीदा है। भारत पहले से ही हेरोन ड्रोन का इस्तेमाल करता रहा है लेकिन ये 4 ड्रोन अपग्रेड वर्जन हैं और इसमें लेजर गाइडेड बम और मिसाइलें भी लगाई जा सकती हैं। माना जा रहा है कि भारत इस ड्रोन को लद्दाख में तैनात करेगा। इजरायली ड्रोन विमान के लिए इस साल जनवरी में समझौता हुआ था लेकिन कोरोना संकट की वजह से विमान मिल नहीं पाए थे। अब अगले दो से तीन महीने में इजरायल दो हेरोन मार्क 2 ड्रोन विमान दे सकता है। दो अन्य ड्रोन विमान साल के अंत तक मिल सकते हैं। आइए जानते हैं कि कितना खतरनाक है हेरोन मार्क 2 ड्रोन विमान….
भारत और इजरायली कंपनी आईएआई के बीच पहले करीब 20 करोड़ डॉलर का लीज होना था लेकिन चीन के साथ लद्दाख में तनाव के बाद मोदी सरकार ने इन विमानों को खरीदने का फैसला किया। भारतीय वायुसेना की ‘प्रॉजेक्ट चीता’ योजना के तहत 90 हेरोन ड्रोन लिए जाने हैं। इनको लेजर गाइडेड बम, हवा से जमीन में हमला करने वाली मिसाइलें और हवा से दागी जाने वाली टैंक रोधी मिसाइलें तैनात करने की योजना है। भारतीय वायुसेना के पास पहले से ही 180 इजरायल निर्मित यूएवी है, इसमें 108 सर्चर और 68 हेरोन 1 सर्विलांस और जासूसी ड्रोन शामिल हैं। ये ड्रोन किसी हथियार से लैस नहीं हैं। इसके अलावा इजरायली कंपनी आईएआई ने भारत को हार्पी ड्रोन दिया है जो बेहद घातक विस्फोटक ले जाने में सक्षम हैं। ये ड्रोन विमान अपने लक्ष्य जैसे रेडार स्टेशन आदि के पास पहुंचते ही खुद को नष्ट कर लेते हैं।