भारत और तिब्बत दोनों के लिए यह परेशानी
चीन इस प्रोजेक्ट का पहला फेज 2025 तक पूरा करने में जुटा हुआ है। चीन के इस गुप्त प्रोजेक्ट का खुलासा तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र सरकार ने किया है। चीन का यह रेल प्रोजेक्ट भारत और तिब्बत दोनों के लिए परेशान करने वाला है।
अक्साई चिन पर चीन ने कर रखा है कब्जा
अक्साई चिन के 38 हजार स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्र को चीन ने गैर कानूनी ढंग से कब्जा कर रखा है। 1962 के युद्ध के बाद चीन ने इस क्षेत्र में अपनी सैन्य गतिविधियां बढ़ा दी और मजबूती के साथ यहां अपनी पकड़ बना ली थी। इन दिनों इस क्षेत्र में चीन ने एक बार फिर अपनी सैन्य गतिविधियां बढ़ा दी है। बीते जनवरी में सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडेय ने चीन की अक्साई चिन क्षेत्र में सैन्य गतिविधियों के बारे में जानकारी दी थी।
टीएआर रेल नेटवर्क को मिलेगा विस्तार
रेलवे टेक्नोलॉजी के अनुसार तिब्बत की ‘मीडियम टू लांग टर्म की रेलवे योजना’ 2025 तक टीएआर रेल नेटवर्क को मौजूदा 1,400 किमी से बढ़ाकर 4,000 किमी करने में मदद मिलेगी। रेलवे टेक्नोलॉजी की रिपोर्ट के अनुसार, परियोजना नए मार्गों को कवर करेगी जो भारत और नेपाल के साथ चीन की सीमाओं तक पहुंचेगा।
शिगात्से से प्रारंभ होगा यह रेल मार्ग
रेल मार्ग को तिब्बत के शिगात्से से प्रारंभ किया गया है। यह प्रस्तावित रेलवे रूट अक्साई चिन के माध्यम से उत्तर में प्रवेश करेगा, इसके बाद नार्थ-वेस्ट से होते नेपाल सीमा को कवर करते हुए झिंजियांग के होतान में जाकर समाप्त होगा। यह प्रस्तावित रेल ट्रैक एलएसी के चीन की ओर से रुतोग और पैंगोंग लेक के आसपास से होकर गुजरेगा।
2035 तक पूरा हो जाएगा पूरा रेल ट्रैक
चीन जो रेल ट्रैक निर्माण कर रहा है वह दो फेज में पूरा होगा। शिगात्से से पखुक्त्सो तक का पहला खंड 2025 तक पूरा होने का दावा किया जा रहा है। इसके आगे का रेल खंड जोकि होतान में जाकर समाप्त होगा वह 2035 तक पूरा करने का प्रस्ताव है।