कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के चार करोड़ से अधिक सदस्य अपने ईपीएफ खाते से बीमारी के इलाज और विकलांगता से निपटने के लिये उपकरण खरीद को लेकर धन निकाल सकते हैं। इसके लिये उन्हें स्वास्थ्य प्रमाणपत्र देने की आवश्यकता नहीं होगी।
बीमारी के इलाज और शारीरिक रूप से विकलांग होने की स्थिति में उपकरण खरीदने को लेकर भविष्य निधि खाते से पैसा निकालने को लेकर विभिन्न प्रकार के प्रमाणपत्र जमा करने की जरूरत को समाप्त करने और प्रोफार्मा में बदलाव के लिये कर्मचारी भविष्य निधि योजना 1952 में संशोधन किया गया है।
सिंगल फॉर्म से निकलेगा पैसा
अब अंशधारक एकीकृत फार्म का उपयोग कर तथा स्व-घोषणा के जरिये विभिन्न आधार पर ईपीएफ खाते से कोष निकाल सकते हैं। श्रम मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि योजना 1952 के उपबंध 68-जे और 68-एन में संशोधन किया है, ताकि अंशधारक बीमारी के इलाज और शारीरिक रूप से विकलांग होने की स्थिति में उपकरण खरीदने को लेकर भविष्य निधि से धन निकाल सके।
नहीं करना होगा रिफंड
इस धन को रिफंड करने की जरूरत नहीं होगी। अब तक ईपीएफओ अंशधारक ईपीएफ योजना के उपबंध 68-जे का उपयोग कर अपने और अपने ऊपर आश्रित की बीमारी के इलाज के लिये धन निकाल सकते हैं। मगर इसके लिये नियोक्ता या कर्मचारी से प्रमाणपत्र की जरूरत होती थी कि सदस्य या उस पर आश्रित व्यक्ति कर्मचारी राज्य बीमा योजना तथा उसके लाभ के दायरे में नहीं आता है। इसके साथ ही सदस्यों को डाक्टर से प्रमाणपत्र लेकर भी देना होता था।
इसी प्रकार, शारीरिक रूप से अपंग सदस्य उपबंध 68-एन के तहत जरूरी उपकरण खरीदने के लिये पैसा निकाल सकते हैं। लेकिन इसके लिये चिकित्सा प्रमाणपत्र या ईपीएफओ द्वारा अधिकृत अधिकारी से प्रमाणपत्र लेने की आवश्यकता होती थी। लेकिन अब संशोधन के बाद किसी भी प्रकार के प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं होगी।
श्रम मंत्रालय ने 25 अप्रैल 2017 को संशोधन को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। पैरा 68-जे और 68-एन के तहत सदस्य के छह महीने के मूल वेतन और महंगाई भत्ते या उसकी हिस्सेदारी और ब्याज या उपकरण की लागत, जो भी कम हो, उतनी राशि मिलती है।
वित्त वर्ष 2017 के लिए 8.65 फीसदी ब्याज दर
केन्द्र सरकार ने ईपीएफ जमाओं पर 2016-17 के लिए 8.65 फीसदी दर से ब्याज देने को मंजूरी दे दी है। यह ब्याज राशि अब ईपीएफओ के अंशधारकों के खातों में डाल दी जाएगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि श्रम मंत्रालय ने इस बारे में ईपीएफओ को सूचित कर दिया है। ईपीएफओ ने अपने फील्ड कार्यालयों से कहा है कि वे अंशधारकों के खातों में 8.65 फीसदी की दर से ब्याज राशि डाल दें।