निर्भया

सुप्रीम कोर्ट दिल दहला देने वाले निर्भया गैंग रेप और मर्डर मामले में चारों दोषियों की ओर से दाखिल की गई याचिका पर आज फैसला सुनाएगा। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद इसी साल 27 मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि सरकार को ऐसे हादसों से फर्क नहीं पड़ता है, कहने के लिए काफी छोटी बात है कि रेप हो गया, लेकिन सिस्टम को इस बारे में सोचना चाहिए और कड़ा एक्शन लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि टीवी पर बयान देने और बहस करने से इसका हल नहीं निकलेगा, उन्होंने कहा कि जब तक कड़ा कानून नहीं बनेगा तब तक इस पर हमें न्याय नहीं मिलेगा। सरकार का इस मुद्दे पर संवेदनशील होना काफी जरूरी है।

आशा देवी ने कहा कि अपराधी को बचाने में कई लोग उनके साथ आ जाते हैं, कोई कहता है कि बच्चा है, कोई बात नहीं उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि रात में बस में क्यों गई, मेट्रो में क्यों गई। उन्होंने कहा कि लड़की फिल्म देखने जाती है तो लोग सवाल उठाते हैं, क्या सिर्फ लड़कों के लिए ही फिल्म हॉल बने हैं।

निर्भया की मां बोलीं कि रेप पीड़ित के परिवार को भी दोषी माना जाता है। हमारे समाज के लोगों को ऐसे अपराधों के खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए, लड़कियां हर क्षेत्र में आगे हैं, लेकिन उन्हें सम्मान नहीं मिलता है।

निर्भया की मां ने आगे कहा कि जिस तरह की बर्बरता हुई है, अब हमें हमारी बेटी वापिस नहीं मिल सकती है। लेकिन समाज और बेटियों की सुरक्षा के लिए फैसला जरूरी है, निर्भया के साथ हुई घटना समाज पर दाग थी। कोर्ट का फैसला समाज में बड़ा संदेश देगा।

गैंगरेप के बाद मर्डर : 16 दिसंबर, 2012 को चलती बस में लड़की के साथ कुल 6 लोगों ने गैंग रेप किया था और उसे बस से फेंक दिया था। बाद में 29 दिसंबर को उसकी मौत हो गई थी।

सुप्रीम कोर्ट में अपील : हाई कोर्ट के फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट में पहले मुकेश पवन की ओर से उनके वकील एमएल शर्मा ने 15 मार्च, 2014 को अपील दाखिल की थी।सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सरकारी पक्ष को नोटिस जारी करते हुए इन्हें फांसी पर लटकाए जाने पर रोक लगा रखी है।

तीन जजों की बेंच : सुप्रीम कोर्ट ने 28 अप्रैल 2014 को फांसी की सजा के खिलाफ अपील से संबंधित मामले की सुनवाई के लिए 3 जजों की बेंच का गठन किया था।