सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण गुजरात सरकार ने इशरत जहां केस के आरोपी डीजीपी पीपी पांडे को हटाकर गीता जौहरी को गुजरात का नया डीजीपी बनाया है। गीता जौहरी 1982 बैच की पहली महिला आईपीएस आधिकारी हैं। अब वह राज्य की डीजीपी बनने वाली पहली महिला बन गई हैं। गुजरात सरकार ने पीपी पांडे को सुप्रीम कोर्ट के हटाने के आदेश के कारण, गीता जौहरी को सोमवार को राज्य के नये डीजीपी के रूप में नियुक्त किया हैं।
गीता जौहरी के शोहरत पाने का सफरनामा
गीता जौहरी को पहली बार शोहरत तब मिली जब उन्होंने सितंबर 1992 में अहमदाबाद में माफिया डॉन अब्दुल लतीफ के ठिकाने पर छापा मारा और उसके गुर्गे शरीफ खान को गिरफ्तार कर लिया था।
जौहरी ने सुप्रीम कोर्ट के कहने पर सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में पहली प्राथमिकी दर्ज की थी। जब उनकी पत्नी कौसर बी ने अचानक उनके गायब होने का आरोप लगाया था।
इस केश में जौहरी ने तब के तत्कालीन डीआईजी डीजी वंजारा, एसपी राजकुमार पांडियन और दिनेश एमएन तीन आईपीएस अधिकारियों सहित 13 पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया था।
2006 में सीआईडी (क्राइम) में उनकी उस समय के पोस्ट के हिसाब से कम प्रोफ़ाइल पोस्ट पर तैनाती के बावजूद जौहरी ने सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ जांच में कड़ी मेहनत की और इस निष्कर्ष पर पहुंची कि मुठभेड़ नकली थी।
1998 में डीआईजी, गांधीनगर के रूप में, जब उन्होंने शक्तिशाली राजनेताओं के ऊपर दबाव डाला, तब जौहरी को वडोदरा के प्रशिक्षण अकादमी के प्रिंसिपल के रूप में नियुक्त कर दिया गया।
सीबीआई का सामना करना पड़ा
इन सब घटनाओं के कारण बाद में गीता जौहरी को सीबीआई पूछताछ का भी सामना करना पड़ा था। सीबीआई को यह लगा कि गीता जौहरी उनसे कुछ छिपा रही हैं। गुजरात सरकार ने गीता जौहरी को अप्रैल 2015 में डीजीपी के पद पर पदोन्नत किया था, तब से वह गांधीनगर में गुजरात स्टेट पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक के रूप में काम कर रही थीं।