कोलकाता, हाईकोर्ट के फैसले के बावजूद आज प.बंगाल में दुर्गा विसर्जन नहीं किया गया. आपको बता दें कि नवरात्र शुरू होते ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक अक्टूबर को प्रतिमा विसर्जन पर रोक लगाने की घोषणा की थी,जिसको बीजेपी और उसके संगठनों ने आड़े हाथों लिया था. उन्होंने ममता पर अल्पसंख्यक समुदाय के तुष्टीकरण का आरोप लगाया.
कोलकाता हाईकोर्ट की एक बेंच ने ममता सरकार के इस फैसले पर स्टे लगा दिया और कहा कि अगर पुलिस को लगता है कि प्रतिमा विसर्जन से कानून और व्यवस्था की स्थिति नहीं बिगड़ती है, तो विसर्जन होना चाहिए. कोर्ट ने पुलिस को मुहर्रम के जुलूस और प्रतिमा विसर्जन के लिए अलग-अलग रास्ते तलाशने को कहा था.
लेकिन कोर्ट में मात खाने के बाद भी हिन्दू संगठनों के साथ ममता की इस लड़ाई में ममता सरकार की विजय हुई है.दरअसल कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने पूजा आयोजकों से प्रतिमा विसर्जन के लिए पुलिस के पास समय रहते एडवांस में आवेदन करने के लिए कहा था. लेकिन पुलिस के पास 1 अक्टूबर को प्रतिमा विसर्जन के लिए पूजा आयोजक की तरफ से कोई आवेदन नहीं आया है. राज्य के एडिशन डायरेक्टर जनरल (लॉ एंड ऑर्डर) अनुज शर्मा ने बताया कि सभी जिलों को मिलाकर 25 हजार पूजा कम्युनिटी हैं और अब तक हमें एक भी आवेदन नहीं मिला है. अब ये ममता सरकार का असर है या उनका खौफ़ ये तो बंगाल के log ही बता सकते हैं.
कोलकाता पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने इस बात को खारिज किया कि आखिरी समय में कोई आवेदन मिल सकता है. अधिकारी ने कहा कि अगर किसी तरह का कोई आवेदन मिलता है, तो उस पर कोर्ट के आदेशानुसार कार्रवाई होगी.
राज्य के गृह सचिव अत्री भट्टाचार्य ने कहा कि स्थिति को देखते हुए प्रशासन कोई भी फैसला लेगा.
खबरों के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस के नेता भी पूजा समितियों से 1 अक्टूबर को प्रतिमा विसर्जन न करने को लेकर अपील कर रहे थे. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रतिमा विसर्जन पर राजनीति को लेकर बीजेपी और संघ पर करारा हमला बोला था. ममता ने कहा था कि भगवा संगठनों की योजना दशमी के मौके पर शस्त्र पूजा की है, जोकि बंगाल की संस्कृति नहीं है.