vrindavan

नई दिल्ली : UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में प्रशासनिक सुधार करने में कितने कारगर होंगे ये तो काल के गर्भ में है मगर जिस तरह से उन्होंने इस साल अयोध्या में छोटी दिवाली के मौके पर भव्य दीपोत्सव और इसके ठीक बाद चित्रकूट में महाआरती करने के बाद अब उन्होंने बरसाना और वृंदावन को अब तीर्थस्थल घोषित कर दिया है। मुख्यमंत्री के इस प्रयास के पीछे उनके धार्मिक एजेंडे को मुख्य वजह माना जा रहा है। मगर योगी आदित्यनाथ के इन प्रयासों की मुख्य वजह ये मानी जा रही है कि वो UP के पर्यटन स्थल खासकर हिंदूओं के धार्मिक स्थलों को बढ़ावा देने और अधिक से अधिक महत्वपूर्ण बनाने की कवायद में जुटे हैं।

वृन्दावन और बरसाना में मांस-मदिरा का सेवन जुर्म mathura

बरसाना और वृंदावन को तीर्थस्थल घोषित करने का अर्थ ये है कि अब से इन स्थलों में मांस को खरीदना और बेचना अपराध माना जाएगा और तो और अगर इन तीर्थ स्थलों के निवासी या प्रवासी मांस का सेवन भी करते पाए गए तो वो भी अपराध की श्रेणी में आएगा। योगी आदित्यनाथ के इस फैसले से मथुरा काफी खुश नज़र आ रहा है क्योँकि मथुरा के वृंदावन और बरसाना में अधिकतर कृष्ण भक्त हैं जो इस फैसले से काफी उत्साहित नज़र आ रहे हैं।

प्रदेश में होगा धार्मिक पर्यटन का विस्तार tourist in temple

आपको बता दें कि आज से तीन दिन पहले ही योगी आदित्यनाथ ने चंदौली में ऐलान किया था कि उत्तर प्रदेश में सामान्य पर्यटन के साथ-साथ स्पिरिचुअल टूरिज्म की भी अपार संभावनाएं हैं और सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले दिनों में UP में पर्यटकों की संख्या में दस गुना बढ़ोत्तरी हो।

ज़ारी की अधिसूचना mathura

बरसाना और वृंदावन को तीर्थ स्थल घोषित करने के साथ ही UP के सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य को धार्मिक पर्यटन स्थल बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाया है। इसके लिए राज्य सरकार ने अधिसूचना भी ज़ारी कर दी है और साथ ही धार्मिक विभागों को भी अवगत करा दिया गया है।

कृष्णा-राधा की पावन नगरी है ये krishna and radha

योगी सरकार के इस फैसले का विस्तृत विवरण देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि ”मथुरा जिले का वृंदावन क्षेत्र भगवान कृष्ण की जन्मस्थली एवं भगवान कृष्ण तथा उनके बड़े भाई बलराम की क्रीड़ा स्थली के रूप में प्रसिद्ध है। इसके साथ ही बरसाना राधा रानी की जन्मस्थली एवं क्रीड़ास्थली भी है। इन पवित्र स्थानों पर देश विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं। इन तीर्थस्थलों के पौराणिक एवं पर्यटन की दृष्टि से इनके अत्यधिक महत्व को देखते हुए तीर्थस्थल घोषित किया गया है।