नई दिल्ली, आज 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की 155वीं जन्मतिथि है। इस दिन हर वर्ष भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें नमन किया है। उन्होनें ट्वीट करके कहा कि वो स्वामी विवेकानंद को नमन करते हैं और देश के युवा की शक्ति को सेल्यूट किया। इसी ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी ने एक वीडियो शेयर की है जिसमें देश की युवा शक्ति के लिए संदेश दिया है। अध्यात्म के क्षेत्र में स्वामी विवेकानंद के योगदान के लिए 1984 में भारत सरकार ने उनकी जयंती के दिन युवा दिवस मनाने की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शेयर किए वीडियो में विवेकानंद के बारे में बताया कि उन्होनें किस तरह से विश्व को अपने विचारों से अपनत्व का पाठ पढ़ाया था। उनके विचारों ने देश को संगठित करके उसे नेशन बिल्डिंग का रास्ता दिखाया।
I bow to Swami Vivekananda on his Jayanti. Today, on National Youth Day I salute the indomitable energy and enthusiasm of our youngsters, who are the builders of New India. pic.twitter.com/1aXEqvVRgY
— Narendra Modi (@narendramodi) January 12, 2018
देश के युवाओं को संदेश देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 21 वीं सदी के दिव्य भव्य भारत के लिए विकास और प्रगतिवान का जनआंदोलन खड़ा करें। स्वामी विवेकानंद के 155वें जन्मदिन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी ट्वीट शेयर किया और विवेकानंद को नमन किया। राष्ट्रपति ने लिखा कि ‘एक महान स्कॉलर, संत और देश को एकजुट करने वाले व्यक्ति के जन्मतिथि पर हम राष्ट्रीय युवा दिवस मना रहे हैं।’ स्वामी विवेकानंद वो व्यक्ति थे जिन्होनें 25 साल की उम्र में ही घर-परिवार को छोड़कर सन्यास ले लिया था। धार्मिक विचारधारा रखने वाले विवेकानंद जी के हर दिन के नियम में पूजा-पाठ शामिल था। स्वामी विवेकानंद ने पूरे देश में रामकृष्ण मठ की स्थापना की थी। वो एक ऐसे समाज की कल्पना करते थे जिसमें धर्म या जाति के आधार पर मनुष्यों में कोई भेद नहीं रहे। विवेकानन्द को युवकों से बड़ी आशाएं थीं।
My tributes to Swami Vivekananda on his birth anniversary. In honour of this great scholar, monk and nation builder, we commemorate this day as National Youth Day #PresidentKovind
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 12, 2018
अध्यात्मवाद बनाम भौतिकवाद के विवाद में पड़े बिना भी यह कहा जा सकता है कि समता के सिद्धान्त का जो आधार स्वामी विवेकानन्द ने दिया उससे सबल बौद्धिक आधार शायद ही ढूँढा जा सके। विवेकानंद के व्याख्यान दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। भारत का वेदांत अमेरिका और यूरोप के हर देश में स्वामी विवेकानंद के कारण ही पहुंचा था। 4 जुलाई 1902 को 39 की उम्र में उनकी मृत्यु हुई थी।