वीजा और मास्टरकार्ड लॉबी सरकार ने सरकार के सामने गुहार लगाई है। वीजा और मास्टरकार्ड लॉबी यह बात सुनिश्चित करना चाहती है कि यूपीआई और भीम एप के चलते कहीं वो अपना आधार न खो दें या उनका अस्तित्व खतरे में न पड़ जाए।
ये इसलिए है क्यूंकि, सरकार डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (यूपीआई), भारत इंटरफेस फॉर मनी (बीएचआईएम) और अब आधार वेतन, जिसे बीएचआईआईएम-आधार इंटरफ़ेस भी कहा जाता है को बढ़ावा दे रही है। अगर कार्ड कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी की बात की जाए तो यह 6000 करोड़ रुपए का बिजनेस है।
इकोनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित खबर के मुताबिक कार्ड कंपनियां डेबिट और क्रेडिट कार्ड जैसे पारंपरिक विकल्पों के अलावा किसी नकद रहित अर्थव्यवस्था में प्रासंगिक रहने के लिए विकल्पों के रूप में क्यूआर कोड और संपर्कहीन भुगतान जैसे रास्ते पर प्रकाश डाल रही हैं। सरकार सभी लेनदेन को ट्रैक करने में मदद करने के लिए नकदी के इस्तेमाल को कम करना चाहती है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि करों का भुगतान किया जाता है, जो कि काले धन को जड़ से खत्म करता है।
कार्ड कंपनियों का बिजनेस में अभूतपूर्व वृद्धि की संभावना है, ऐसा इसलिए क्योंकि भारत की सिर्फ 5 फीसद आबादी ही अभी कैशलेस है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आधार पे को 14 अप्रैल को लॉन्च किया है, जिससे देश के 27 बैंक और 715,000 मर्चेंट सीधे तौर पर जुड़े हैं।