Karnataka

नई दिल्ली| मयंक अग्रवाल (90) और कृष्णप्पा गौथम (3/27) के दम पर कर्नाटक ने मंगलवार को फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेले गए विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में सौराष्ट्र को 41 रनों से हराकर खिताबी जीत दर्ज की। कर्नाटक ने तीसरी बार यह ट्रॉफी जीती है। पिछले पांच साल में तीन बार कर्नाटक ने यह खिताब अपने नाम किया। इससे पहले उसने 2013-14, 2014-15 में विजय हजारे ट्रॉफी अपने नाम की थी।

कर्नाटक दूसरी ऐसी टीम है, जिसने सबसे अधिक बार विजय हजारे ट्रॉफी टूर्नामेंट जीता है। इस सूची में तमिलनाडु की टीम पहले स्थान पर है। उसने कुल पांच बार इस खिताब को अपने नाम किया है।

सौराष्ट्र ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। कर्नाटक ने मयंक की शानदार पारी के दम पर 45.5 ओवरों में सभी विकेट गंवाकर 253 रन बनाए।

79 गेंदों पर 11 चौके और तीन छक्के लगाने वाले मयंक के अलावा रविकुमार सामर्थ ने 49 तथा पवन देशपांडे ने 48 रनों की पारी खेली। श्रेयष गोपाल ने भी 31 रनों का योगदान दिया।

सौराष्ट्र की ओर से कमलेश मकवाना ने 34 रन देकर चार सफलता हासिल की। इसके अलावा प्रीराक मांकड ने दो विकेट लिए। दो खिलाड़ी रन आउट हुए।

जवाब में सौराष्ट्र की टीम कप्तान चेतेश्वर पुजारा (94) की शानदार अर्धशतकीय पारी के बावजूद 46.3 ओवरों में सभी विकेट गंवाकर 212 रन ही बना सकी और हार गई।

पुजारा ने 127 गेंदों का सामना कर 10 चौके और एक छक्का लगाया। वह रन आउट हुए। इसके अलावा कोई और बल्लेबाज चल नहीं सका। चिराग जानी ने 22 रन जोड़े। मकवाना 22 रनों पर नाबाद लौटे।

कर्नाटक की ओर से कृष्णपप्पा गौतम और प्रसिद्ध कृष्णा को तीन-तीन विकेट मिले। इसके अलावा, स्टुअर्ट बिन्नी और पवन देशपांडे को एक-एक सफलता मिली।

कर्नाटक को तीसरी बार विजय हजारे ट्रॉफी दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले मयंक को मैन ऑफ द मैच चुना गया।