नयी दिल्ली। कनार्टक और सौराष्ट्र के बीच एकदिवसीय राष्ट्रीय चैंपियन बनने के लिए यहां फिरोजशाह कोटला मैदान में मंगलवार को विजय हजारे ट्रॉफी क्रिकेट टूनार्मेंट के फाइनल में भिड़ंत होगी। कर्नाटक के लिए मयंक अग्रवाल राष्ट्रीय टीम से अनदेखी की निराशा को भुलाकर उम्दा पारी खेलना चाहेंगे, जबकि सौराष्ट्र के रविंद्र जडेजा छोटे प्रारूप में भी अपनी उपयोगिता साबित करने के इरादे से उतरेंगे।
मौजूदा सत्र में तीन प्रारूपों में 2051 रन बनाने वाले अग्रवाल को श्रीलंका में होने वाली त्रिकोणीय टी20 श्रृंखला के लिए भारतीय टीम में नहीं चुना गया है और सीमित ओवरों का उम्दा क्रिकेटर होने के बावजूद जडेजा 50 ओवर की भारतीय टीम का हिस्सा नहीं हैं। सौराष्ट्र 10 साल के अंतराल के बाद इस टूनार्मेंट के फाइनल में पहुंचा है। सौराष्ट्र ने 2007-08 में विशाखापत्तनम में खेले गए फाइनल में बंगाल को हराया था। उसके सामने अब कनार्टक की चुनौती होगी, जिसने 2013-14 और 2014-15 में लगातार यह खिताब जीता था।
दोनों टीमों ने सेमीफाइनल में शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बनाई है। कनार्टक ने आफ स्पिनर कृष्णप्पा गौतम (26 रन पर तीन विकेट) की शानदार गेंदबाजी के बाद मयंक अग्रवाल (81) और कप्तान करुण नायर (नाबाद 70) के बीच पहले विकेट के लिए हुई 155 रन की शतकीय साझेदारी की बदौलत महाराष्ट्र को 117 गेंद शेष रहते नौ विकेट से पीटकर फाइनल में जगह बनाई थी।
कनार्टक ने महाराष्ट्र को 44.3 ओवर में 160 रन पर ढेर करने के बाद 30.3 ओवर में एक विकेट पर 164 रन बनाकर जीत हासिल की थी। शानदार फॉर्म में खेल रहे मयंक ने 86 गेंदों पर आठ चौकों और एक छक्के के दम पर 81 रन ठोके।
सौराष्ट्र के लिए मयंक को रोकना एक बड़ी चुनौती होगी जिनके अब टूनार्मेंट में 633 रन हो गए हैं और वह किसी राष्ट्रीय घरेलू टूनार्मेंट में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं। सौराष्ट्र को भारतीय बल्लेबाज करुण नायर को भी थामना होगा, जिन्होंने सेमीफाइनल में 90 गेंदों पर 10 चौकों की बदौलत नाबाद 70 रन बनाए थे।
सौराष्ट्र को 10 साल बाद अपने पहले विजय हजारे ट्रॉफी खिताब के लिए भारतीय सीमित ओवरों की टीम से बाहर चल रहे रवींद्र जडेजा से खासी उम्मीदें होंगी। सौराष्ट्र ने आलराउंडर रवींद्र जडेजा (56) और अर्पित वास्वदा (58) के शानदार अर्धशतकों के बाद लेफ्ट आर्म स्पिनर धर्मेंद्र सिंह जडेजा (40 रन पर चार विकेट) की बेहतरीन गेंदबाजी से आंध्र को 59 रन से हराकर फाइनल में प्रवेश किया था। सौराष्ट्र ने 49.1 ओवर में 255 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर बनाने के बाद आंध्र की टीम को 45.3 ओवर में 196 रन पर लुढ़का दिया था। सौराष्ट्र की यह जीत इसलिए भी सराहनीय रही कि उसने आंध्र की उस टीम को हराया जो अपने सभी मैच जीतते हुए सेमीफाइनल तक पहुंची थी।
जडेजा के लिए यह मुकाबला खासा महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि वह पिछले साल श्रीलंका दौरे में भारतीय वनडे और ट्वंटी-20 टीमों से बाहर हो जाने के बाद अब तक सीमित ओवरों की टीम में जगह नहीं बना पाए हैं। जडेजा का एक शानदार प्रदर्शन यदि सौराष्ट्र को चैंपियन बनाता है तो वह उनके लिए अगले साल होने वाले विश्वकप का रास्ता भी खोल सकता है।