केंद्र सरकार की ओर से महिला कर्मचारियों के लिए एक अच्छी ख़बर है। अब सरकार ने यह निर्धारित किया है कि कार्यस्थल या ऑफिस में यौन शोषण की शिकायत करने वाली महिला को मामले की जांच पेंडिंग रहने तक 90 दिन का वैतनिक अवकाश मिलेगा। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने इस संबंध में हाल ही में सेवा नियमावली में बदलाव किया है। ये लीव उस समय तक मिल सकती है, जब तक मामले की जांच चल रही हो।
नए नियम के तहत कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से महिलाओं का संरक्षण (रोकथाम, निषेध एवं निवारण) अधिनियम, 2013 के तहत पीड़ित महिला कर्मचारी को जांच के दौरान 90 दिन का विशेष अवकाश दिया जाएगा। इसमें कहा गया है कि इन छुट्टियों को पीड़ित महिला कर्मचारी की छुट्टियों से नहीं काटा जाएगा। साथ ही इस दौरान उसे पूरी सैलरी भी प्राप्त होगी।
यह नियम इसलिए जरूरी है क्योंकि ऐसी शिकायतें अक्सर मिलती रहीं हैं कि यौन शोषण पीड़ित महिलाओं को धमकियां दी गई हों या उन्हें बयान बदलने को मजबूर किया गया हो। ऐसे ममालों में पीड़ित महिला को आंतरिक कमिटी की सिफारिश के आधार पर स्पेशल लीव दी जाएगी और आरोपों की जांच के लिए एक स्थानीय कमिटी का गठन किया जाएगा।
आपको बता दें कि दिसंबर 2016 में एक नियम लागू किया गया और उसपर सरकार ने कहा था कि कार्यस्थल पर यौन शोषण का शिकार होने की शिकायत की जांच 30 दिन के भीतर हो जानी चाहिए। किसी भी स्थिति में ये जांच 90 दिन के भीतर पूरी हो जानी चाहिए।