सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में चल रहे एडमिशन घपले पर शिक्षा विभाग ने जांच बिठा दी है। आरोप है कि प्रदेश में कई निजी और सरकारी स्कूल छात्रों से उनके पूर्व के स्कूल का ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) लिए बिना कक्षा एक से नौ तक एडमिशन करा लिए हैं। सीबीएसई-आईसीएसई स्कूलों की शिकायत पर विभाग ने जांच का फैसला किया।
कुछ समय पूर्व हाईकोर्ट भी इस बाबत कार्रवाई के आदेश दे चुका है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी ने सभी सीईओ को जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले में सीबीएसई एंड आईसीएसई स्कूल्स चेयरमैंस एसोसिएशन ने महानिदेशक-शिक्षा बंशीधर तिवारी से शिकायत की थी।
एसोसिएशन का आरोप है कि हरिद्वार में ही तमाम स्कूल, छात्रों से टीसी लिए बिना एडमिशन कर रहे हैं। इस संबंध में एक याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट भी कार्रवाई के निर्देश दे चुका है। एसोसिएशन का का कहना है बिना टीसी लिए एडमिशन करना नियमानुसार गलत है। साथ ही छात्रों से एडमिशन के रूप में मोटी वसूली भी हो रही है।
इन बिंदुओं पर जांच
-पिछले वर्षों में नए एडमिशन वाले छात्रों के दस्तावेजों की जांच होगी। बिना टीसी प्रवेश पाने वालों के अभिभावकों से भी पूछताछ होगी।
-ऐसे स्कूलों में पीटीए से शिकायत के संबंध में लिखित प्रमाणपत्र लिया जाएगा और प्रबंध समिति को भी इस बाबत प्रमाणपत्र देना होगा।
-यदि किसी स्कूल में फर्जी टीसी बुक मिली तो सबंधित स्कूल के प्रधानाचार्य को इस बाबत प्रमाणपत्र देना होगा।
इसलिए भी घटे प्राइवेट स्कूलों से छात्र
कोरोना संक्रमण में गिरावट के बाद स्कूल खुलने पर बड़ी संख्या में प्राइवेट स्कूलों के छात्रों ने सरकारी स्कूलों में एडमिशन लिए हैं। इसके पीछे सरकारी स्कूलों में निशुल्क शिक्षा, मुफ्त किताबें-ड्रेस और विभिन्न योजनाओं का होना भी है। कई अभिभावकों ने प्राइवेट स्कूलों की फीस न दे पाने के कारण अपने बच्चों को एडमिशन सरकारी स्कूलों में कराया है। हाल में सरकार के महत्वाकांक्षी अटल उत्कृष्ट स्कूल की वजह से भी अभिभावकों का विश्वास सरकारी स्कूलों के प्रति बढ़ा है।