केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने किसानों के संघर्ष की जीत करार दिया। कहा कि किसानों के संघर्ष के साथ कांग्रेस पार्टी पहले दिन से ही खड़ी थी। पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रही। किसानों पर थोपे जा रही तीनों काले कानून देश के अन्नदाता के साथ छलावा थे। इससे किसान उद्योपतियों के गुलाम बन जाते। केंद्र सरकार ने अपने कुछ चहेते उद्योगपतियों के लाभ के लिए ये तीनों कानून बनाए थे।
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव काजी निजामुद्दीन ने कहा कि ये तीनों कानून किसानों पर सबसे बड़ा अभिशाप थे। सत्ता के अहंकार में डूबी केंद्र सरकार ने बिना किसानों से बातचीत किए, उनका दर्द जाने मनमाने तरीके से उन पर कानून लाद दिए थे। इन कानूनों की वजह से किसानों का भविष्य असुरक्षा में आ गया था। एक साल से ज्यादा वक्त से भी किसान आंदोलन कर रहे थे। लाठी-गोली खाने के बावजूद वो डिगे नहीं और
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने किसानों के संघर्ष की जीत करार दिया। कहा कि किसानों के संघर्ष के साथ कांग्रेस पार्टी पहले दिन से ही खड़ी थी। पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रही। किसानों पर थोपे जा रही तीनों काले कानून देश के अन्नदाता के साथ छलावा थे। इससे किसान उद्योपतियों के गुलाम बन जाते। केंद्र सरकार ने अपने कुछ चहेते उद्योगपतियों के लाभ के लिए ये तीनों कानून बनाए थे।
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव काजी निजामुद्दीन ने कहा कि ये तीनों कानून किसानों पर सबसे बड़ा अभिशाप थे। सत्ता के अहंकार में डूबी केंद्र सरकार ने बिना किसानों से बातचीत किए, उनका दर्द जाने मनमाने तरीके से उन पर कानून लाद दिए थे। इन कानूनों की वजह से किसानों का भविष्य असुरक्षा में आ गया था। एक साल से ज्यादा वक्त से भी किसान आंदोलन कर रहे थे। लाठी-गोली खाने के बावजूद वो डिगे नहीं और आखिर में केंद्र सरकार को झुकना ही पड़ा।
आखिर में केंद्र सरकार को झुकना ही पड़ा।