देहरादून, 27 अगस्त 2021
सरकार के आखिरी ओवरों में खेल रहे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पिछले 37 दिन के भीतर एक के बाद एक चार बड़े चुनावी शॉट लगाकर प्रदेश में राजनीतिक रोमांच बढ़ा दिया। चार आर्थिक पैकेज की घोषणा कर धामी ने प्रदेश के उस हर वर्ग की नब्ज पकड़ने की कोशिश की है, जो चुनाव को प्रभावित करने कूवत रखता है। संगठन कार्यकर्ता और विधायक के रूप में लोप्रोफाइल अंदाज में रहने वाले धामी को देख चुके लोग अब उनकी सियासी बैटिंग को देखकर हैरान भी हैं। अगले साल विधानसभा चुनाव-2022 को लेकर भी फिल्डिंग हो रही है।
खासकर मुख्य विपक्षी कांग्रेस में भी धामी की तूफानी बैटिंग से हलचल है। 21 जुलाई से शुरू हुआ धामी का पैकेज अभियान आज चार मुकाम पूरे कर चुका है। कोविड 19 की वजह से प्रभावित करीब करीब हर वर्ग के लिए अब तक 728 करेाड़ रुपये की आर्थिक सहायता ऐलान हो चुका है। इन पैकेज का लाभ 16.45 लाख लोगों तक पहुंचने का दावा किया जा रहा है। धामी के पैकेज अभियान में चुनावी तैयारी साफ साफ नजर आ भी रही है।
इन पैकेज में हर उस वर्ग को लेने की कोशिश की गई जो चुनाव में अहम भूमिका निभाता है। अस्थायी कर्मचारी, महिला स्वय सहायता समूह, स्वास्थ्य कर्मी, परिवहन और पर्यटन सेक्टर को इन पैकेज में प्रमुखता से शामिल किया गया है। तो बिजली-पानी के बिलों में राहत देकर मध्यम वर्ग की नब्ज भी सहलाने की कोशिश की गई है।
-29 जुलाई 2021: कोविड 19 से निपटने के लिए स्वास्थ्य सेक्टर व इसमें कार्यरत कर्मियों के प्रोत्साहन के लिए 205 करोड़ रुपये का पैकेज। तीन लाख 73 हजार 568 लोगों को लाभ
– 26 अगस्त 2021: ट्रांसपोर्ट सेक्टर, बिजली-पानी उपभोक्ता, पर्यावरण मित्र आदि को राहत के लिए 205 करोड़ रुपये का पैकेज। तीन लाख 54 हजार 284 लोगों को सीधा लाभ।
कोविड महामारी में हर वर्ग प्रभावित हुआ है। पर्यटन, परिवहन सेक्टर के लोग हों, या फिर बिजली-पानी के उपभोक्ता। सभी लोगों पर कुछ न कुछ असर पड़ा है। आम आदमी को राहत देने के लिए ही सरकार राहत देने के निर्णय कर रही है।
कांग्रेस ने कहा, सभी घोषणाएं हवाई
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने सरकार की सभी घोषणाओं को हवाहवाई करार दिया। कहा कि सरकार के पास कर्मचारियों को देने के लिए तो पैसा नहीं है और घोषणाएं अरबों रुपये की जा रही है। सरकार की स्थिति ठीक थोथा चना बाजे घना जैसी है। साढ़े चार साल तक भाजपा सरकार ने वित्तीय प्रबंधन के लिए कुछ नहीं किया। पारंपरिक रूप से जो राजस्व आता था, केवल वहीं आता आ रहा और भाजपा सरकार उसे लुटाती रही। इन घोषणाओं का हश्र भी जल्द ही सामने आ जाएगा।