उत्तराखंड में पिथौरागढ़ के पास बादल फटने की खबर सामने आई है। बादल फटने के बाद कैलाश मानसरोवर की यात्रा रोक दी गई है, जबकि 7 लोग लापता हैं। इन सात लोगों में 4 एसएसबी के जवान और 3 स्थानीय लोग शामिल हैं। मालपा में 3 लोगों के शव भी बरामद किए गए हैं। एसएसबी के 4 जवान और एक जेसीओ पंगाटी नाला से बचाए गए हैं। धारचुला से सेना बचाव दल मौके पर पहुंच गया है।
वहीं मांगती में 2 पुल ढह गए हैं, 1 सिमखौला में ढह गया है। काली नदी खतरे के निशान से ऊपर चल रही है। अलागढ़ में रोड ब्लॉक हो चुका है।
प्राकृतिक आपदा का असर देश के कई हिस्सों में देखने को मिल रहा है। हिमाचल प्रदेश के मंडी में भी भूस्खलन की चपेट में आने से कई लोगों की जान जा चुकी है। अब तक मरने वालों की संख्या 46 हो गई है। हादसा इतना भयानक है कि अभी भी और लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। रविवार देर शाम तक रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद राहत बचाव का काम रोक दिया गया है।
ये थी पूरी घटना-
हादसा शनिवार देर रात हुआ था। जब एक बस चंबा से मनाली जा रही थी, जबकि दूसरी मनाली से जम्मू की तरफ जा रही थी। बताया जा रहा है कि मंडी-पठानकोट राजमार्ग पर कोटरूपी के पास रोडवेज की दो बसें रुकी हुई थीं। इसी दौरान बादल फटने और भूस्खलन के चलते एक बड़ा पत्थर मनाली से कटरा जाने वाली बस के ऊपर आ गिरा। जिसके चलते ये बस लुढ़कते हुए 200 मीटर गहराई में जा गिरी।