देहरादून, 15 सितम्बर 2021
ढेंचा बीज घोटाले (dhencha seed scam) को लेकर शुरू हुए इस विवाद के बीच बुधवार शाम त्रिवेंद्र रावत (trivendra rawat) ने एक ऐसा विवादित बयान दे दिया, जिसने इस पूरे प्रकरण में आग में घी डालने का काम कर दिया है. त्रिवेंद्र रावत ने हरक सिंह के बयान को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि हमारे यहां कहा जाता है – “गधा जो होता है, वो ढेंचा-ढेंचा करता है.” त्रिवेंद्र रावत के इस बयान के बाद अब बीजेपी में चल रही अंदरूनी रार खुलकर सड़कों पर आ सकती है. हालांकि, हरक सिंह रावत की ओर से अभी इस बयान पर कोई रिएक्शन नहीं आया है.
दरअसल, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने न्यूज 18 को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में त्रिवेंद रावत के कृषि मंत्री रहते हुए सामने आए ढेंचा बीज घोटाले को लेकर कहा था कि हमारी सरकार आने पर हरीश रावत त्रिवेंद्र रावत को जेल भेजना चाहते थे. मैंने बतौर कृषि मंत्री त्रिवेंद्र रावत के समर्थन में दो पेज की नोटिंग की, जिसके चलते उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं हो पाया और वो जेल जाने से बच गए. हरक ने कहा था कि यदि वो जेल चले जाते तो 2017 में मुख्यमंत्री भी नहीं बन पाते.
इस बयान के न्यूज 18 पर चलते ही सियासी गलियारों में हंगामा मच गया था. आम आदमी पार्टी ने इसे बकायदा मुद्दा बनाते हुए प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा कि पिछले बीस सालों से बीजेपी और कांग्रेस ऐसी ही मिलीभगत कर प्रदेश को लूट रहे हैं. मामले ने इतना तूल पकड़ा कि बीजेपी संगठन को हस्तक्षेप कर मंत्री हरक सिंह रावत को तलब करना पड़ा. बुधवार को मंत्री हरक सिंह रावत मंत्री धन सिंह रावत को साथ लेकर एक ही कार से बलबीर रोड स्थित बीजेपी प्रदेश कार्यालय पहुंचे. यहां महामंत्री संगठन अजेय कुमार और प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के साथ करीब आधे घंटे तक तक बंद कमरे में बातचीत हुई. मीटिंग से बाहर निकलने के बाद मदन कौशिक ने इसे एक सामान्य मुलाकात बताया, तो हरक ने भी कहा कि सरकार और संगठन के मुद्दों पर जरूरी बातचीत हुई.
पत्रकारों द्वारा ढेंचा बीज घोटाले के उनके बयान को लेकर पूछे गए सवाल पर हरक ने बचते बचाते कहा कि उनका बयान सही था, उस पर वे आज भी कायम हैं. इसके बाद मामला करीब-करीब शांत माना जा रहा था, लेकिन इसके कुछ ही घंटों के बाद सामने आए त्रिवेंद्र रावत के बयान ने आग में घी डालने का काम कर दिया है.