उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जल्द प्रदेश के करीब 28 लाख राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों व उनके आश्रितों को कैशलैस मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए सरकार अनुपूरक बजट में धनराशि की व्यवस्था कर सकती है। इसे पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलैस चिकित्सा योजना नाम दिया गया है।
सभी कर्मचारियों और पेंशनरों को स्वास्थ्य कार्ड जारी किया जाएगा। योजना में सरकारी सेवकों और पेंशनर व उनके आश्रितों को राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित अस्पतालों, मेडिकल यूनिवर्सिटी, मेडिकल कॉलेजों और स्वशासी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में नि:शुल्क उपचार प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से जुड़े निजी अस्पतालों में भी पांच लाख तक नि:शुल्क उपचार की सुविधा मिल सकेगी। इसके लिए मेडिकल एवं स्वास्थ्य विभाग में 100 करोड़ का कार्पस फंड होगा। इससे विभाग के अस्पतालों को अग्रिम उपलब्ध कराया जाएगा। इन अस्पतालों को 50 फीसदी का उपयोगिता प्रमाणपत्र देने पर अगली किस्त उपलब्ध कराई जाएगी।
एसजीपीजीआई लखनऊ, डॉ. राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ, उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई, केजीएमयू लखनऊ और ऐसे अन्य समान सरकारी पोषित संस्थानों में उपचार के लिए अब कर्मचारी को पांच प्रतिशत धनराशि खुद वहन नहीं करनी होगी। संबंधित मेडिकल संस्थान के मेडिकल अधीक्षक द्वारा सत्यापित इलाज के कागजात को मुख्य चिकित्साधिकारी से तकनीकी परीक्षण कराना भी अब जरूरी नहीं होगा। इस नई व्यवस्था के अलावा कर्मचारी जरूरत पड़ने पर मौजूदा व्यवस्था के तहत भी इलाज करा सकेंगे।