उन्नाव, उन्नाव गैंगरेप मामले में बांगरमऊ से बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उनपर पीड़िता के पिता से मारपीट का आरोप है. बीती 3 अप्रैल को केस वापस लेने के लिए विधायक के भाई ने पीड़िता के पिता को बेहरहमी से पीटा था और मारपीट का मुकदमा लिखवाकर पीड़िता के पिता को ही जेल भेज दिया था.
गौरतलब है गत 9 अप्रैल को गैंगरेप पीड़िता के पिता की सोमवार को जेल में ही मौत हो गई थी, जिसके बाद गैंगरेप पीड़िता के परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया था. डीजीपी ओपी सिंह ने गिरफ्तारी की पुष्टि की और बताया कि अतुल सिंह के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं.
उन्नाव रेप केस में रेप पीड़िता के पिता की जेल में संदिग्ध मौत मामले में विपक्ष जहां योगी सरकार पर हमलावर है, वहीं, सरकार मामले में निष्पक्ष कार्रवाई का दावा कर रही है. खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा किसी भी दोषी को नहीं बख्शेंगे. सीएम योगी ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए एडीजी लखनऊ से मामले की गहनता से जांच के आदेश दिए और कहा कि जो भी दोषी हैं, वे चाहे जो भी हों, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.
इससे पहले, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर सीएम योगी से नैतिक आधार पर इस्तीफा मांग लिया है. अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि मुख्यमंत्री आवास पर आत्मदाह की कोशिश करने वाली दुष्कर्म की पीड़िता के पिता की ‘पुलिस कस्टडी’ में दर्दनाक मृत्यु अत्यंत दुखदायी है. इसकी उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. महिलाओं के मान की रक्षा के लिए नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री को तुरंत इस्तीफ़ा दे देना चाहिए.
उल्लेखनीय है गत 3 अप्रैल को मुकदमा वापस नहीं लेने पर कथित रूप से विधायक के भाई ने पीड़िता के पिता को जमकर पीटा था. बुरी तरह घायल होने के बाद भी पुलिस ने पीड़ित पर ही मुकदमा लिख उसे जेल भेज दिया था, लेकिन सोमवार को जेल में हालत ख़राब होने के बाद रेप पीड़िता के पिता को जिला अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
फिलहाल, रेप पीड़िता के पिता मौत की वजहों का पता नहीं चल सका है. जिला जेल प्रशासन भी मामले पर मौत पर चुप्पी साधे बैठा है. अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही रेप पीड़िता के पिता की मौत की असली वजह का खुलासा हो सकेगा.
गत रविवार, 8 अप्रैल को मुख्यमंत्री आवास 5 कालिदास मार्ग पर बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर कार्रवाई नहीं होने से परेशान गैंगरेप पीड़िता ने आत्मदाह का प्रयास किया था. पीड़िता ने आशंका भी जाहिर की थी कि उसे और उसके परिजनों की हत्या हो सकती है. बावजूद इसके पुलिस द्वारा न ही गैंगरेप आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई और न ही उसके परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई गई.
आरोप है कि आरोपी विधायक के दबाव में पुलिस ने एक साल तक मुकदमा भी दर्ज नहीं किया, जिससे आहत होकर पीड़ित परिवार रविवार को मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह करने पहुंचा था.
क्या है मामला?
उन्नाव के माखी इलाके में रहने वाली एक नाबालिग लड़की ने बांगरमऊ के बाहुबली विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है. पीड़िता के मुताबिक जून 2017 में नौकरी के नाम पर ग्राम प्रधान की पत्नी उसे विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के आवास पर ले गई थीं, जहां विधायक ने उसके साथ रेप किया.
पीड़िता ने आरोप लगाया था कि न्याय के लिए वह उन्नाव पुलिस के हर अधिकारी के पास गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. पीड़िता के मुताबिक आरोपी विधायक उस पर पुलिस में शिकायत नहीं करने का दबाव बनाता रहा. पीड़िता ने आरोप लगाया कि 3 अप्रैल को दबाव बनाने के लिए उसके पिता से विधायक के भाई अतुल और मनोज ने मारपीट की.
बताया जाता है विरोध करने पर पीड़िता के मृत पिता के खिलाफ एक फर्ज़ी मुकदमा लिख दिया गया. पुलिस की निष्क्रियता और विधायक की दबंगई के त्रस्त होकर नाबालिग लखनऊ पहुंची और सीएम आवास के बाहर मिट्टी का तेल डालकर आत्मदाह करने का प्रयास किया.
घटना के बाद एडीजी लखनऊ जोन राजीव कृष्ण ख़ुद सक्रिय हुए और पीड़िता को सपरिवार अपने ऑफिस बुला लिया. पीड़िता से बातचीत के बाद एडीजी ने उन्नाव के माखी कोतवाल को भी दस्तावेजों के साथ तलब कर लिया. एडीजी ने कहा लखनऊ की टीम इस पूरे मामले की जांच करेगी. रिपोर्ट के बाद दोषियों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई की जाएगी.