लखनऊ, 7 सितम्बर 2021
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लखनऊ पहुंचकर मुख्यमंत्री आवास में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से शिष्टाचार मुलाकात की. मुलाकात के बाद रावत ने योगी आदित्यनाथ और योगी सरकार के कार्यों की जमकर तारीफ करने के साथ ही उत्तराखंड में 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश बीजेपी के मज़बूत संगठन का दावा किया.
रावत ने उत्तराखंड में न सिर्फ कांग्रेस का विनाश हो जाने की बात कही, बल्कि उत्तराखंड में बढ़ी आम आदमी पार्टी की सक्रियता पर भी निशाना साधते हुए रावत ने दावा कर दिया कि उत्तराखंड में AAP का कोई अस्तित्व नहीं है.
‘याद किया जाएगा योगी जी का शासन’
लखनऊ में न्यूज़18 से बात करते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया, ‘मैंने योगी जी से शिष्टाचार भेंट की. जिस तरह से उप्र में विकास हुआ है, उसके लिए मैं योगी जी को बधाई देना चाहता हूं. उन्होंने भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन दिया, गुंडाराज पर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई, यह अभूतपूर्व है. मैं समझता हूं कि इस तरह के शासन के लिए या तो कल्याण सिंह जी को याद किया जाएगा, या फिर योगी जी को. मुझे उप्र में राजनीतिक काम के अनुभव से पता है कि जिसने यहां कानून व्यवस्था संभाल ली, वही असली प्रशासक है. योगी जी ने यह कारनामा करके दिखाया है.’
‘कांग्रेस मुक्त होगा उत्तराखंड’
उत्तराखंड के मौजूदा सियासी हालात पर बोलते हुए रावत ने कहा कि ‘उत्तराखंड में बीजेपी के पास बढ़िया नेतृत्व और संगठन है. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के पास नेतृत्व की कमी है या बहुत ज़्यादा नेतृत्व है, जो ज़्यादा नुकसान पहुंचाता है. कांग्रेस ने उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य में जो 5-5 अध्यक्ष बनाए हैं, उससे साफ है कि उत्तराखंड में कांग्रेस का विनाश सुनिश्चित है. उत्तराखंड कांग्रेस मुक्त होने जा रहा है. हरीश रावत का झाडू लगाना हमारे लिए समाचार है. अगर उन्होंने झाडू पकड ली है, तो हो सकता है कुछ समय में कमल का फूल भी पकड़ लें.’
‘उत्तराखंड में AAP का कोई अस्तित्व नहीं’
अंत में, त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी की सक्रियता को लेकर कहा, ‘आम आदमी पार्टी का सिर्फ नाम ही है, उत्तराखंड में AAP का कोई अस्तित्व नहीं है. केजरीवाल सिर्फ अखबार और सोशल मीडिया की राजनीति करते हैं, उनका विकास से कोई लेना-देना नहीं है. उत्तराखंड की जनता कभी भूल नहीं सकती, जिस तरह उत्तराखंड के गरीब लड़के के कत्लेआम को केजरीवाल सरकार ने समर्थन दिया. उत्तराखंड सैनिक पृष्ठभूमि का प्रदेश है और केजरीवाल देश की सेना और प्रधानमंत्री से प्रमाण मांगते है. देवभूमि उत्तराखंड के नंदा देवी पर्वत की तुलना कूड़े के ढेर से करते हैं. उत्तराखंड इस तरह के अपमान को बर्दाश्त नहीं करेगा.’