CIA

विकीलीक्स की एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA साइबर जासूसी के लिए अमेरिका आधारित प्रौद्योगिकी प्रदाता क्रॉस मैच टेक्नोलॉजिस द्वारा तैयार किए गए टूल्स का उपयोग कर रही है, जिसमें आधार डेटा शामिल हो सकता है। हालांकि भारत के आधिकारिक सूत्रों ने इसे खारिज किया है।

क्रॉस मैच टेक्नोलॉजिस, आधार के लिए वैधानिक निकाय, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) को बॉयोमीट्रिक उपकरण प्रदान करता है। विकीलीक्स के दस्तावेजों का कहना है कि CIA ने एक्सप्रेसलेन, जो की क्रॉस मैच टेक्नोलॉजिस द्वारा तैयार किया गया एक उपकरण है, इसका इस्तेमाल किया है। इसी से ये दावा किया गया है कि CIA ने आधार में सेंध लगाई है।

विकीलीक्स के लेख में कहा गया है कि यूआईडीएआई, जहां तक ज्ञात है, इन कंपनियों या उनके व्यवसाय, पेशेवर और निजी संगठनों की पृष्ठभूमि की जांच नहीं कर पाई है। यह दावा करता है कि CIA एजेंट रियलटाइम में आधार डेटाबेस का उपयोग कर सकते हैं।

विकीलीक्स ने ट्वीट कर कहा कि क्या CIA के जासूस पहले से ही भारत की राष्ट्रीय पहचान पत्र डेटाबेस चोरी कर चुके हैं? इसके बाद एक और ट्वीट किया गया, जिसमें लिखा था कि क्या CIA ने पहले से ही भारत का आधार डेटाबेस चोरी कर लिया है?

हालांकि आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट विकीलीक्स ने लीक नहीं की है, बल्कि ये एक वेबसाइट के द्वारा रिपोर्ट आई है। क्रॉस मैच बायोमैट्रिक डाटा कैप्चर के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरणों का वैश्विक आपूर्तिकर्ता है। मगर एकत्र किए गए डेटा कंपनी या किसी अन्य इकाई तक नहीं पहुंच सकते क्योंकि विक्रेता एन्क्रिप्टेड रूप में डेटा एकत्र करते हैं, जो आधार सर्वर को स्थानांतरित किया जाता है। रिपोर्टों में वास्तव में कोई आधार नहीं है। आधार डेटा सुरक्षित रूप से एन्क्रिप्ट किया गया है और कोई भी एजेंसी इस तक नहीं पहुंच सकती है।