उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने 12 हजार रूपये के इनामी कुख्यात अपराधी सुभाष गुर्जर को मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। अपराधी के कब्जे से एक 315 बोर का तमंचा बरामद हुआ है। एसटीएफ के अनुसार कुख्यात अपराधी के खिलाफ विभिन्न थानों के संगीन मुक़दमे दर्ज हैं। अभियुक्त सुभाष गुर्जर, थाना कांधला जनपद शामली का मजारिया हिस्ट्रीशीटर है। फ़िलहाल एसटीएफ अभियुक्त के खिलाफ आगे की कार्रवाई कर रही है।
पिता की हत्या का बदला लेने के लिए बना अपराधी-
एसएसपी एसटीएफ अमित पाठक ने बताया कि अभिसूचना संकलन के दौरान एसटीएफ की टीम कस्बा मंसूरपुर मुजफ्फरनगर मेें भ्रमणशील थी। इसी दौरान मुखबिर से प्राप्त सूचना के आधार पर इनामी अपराधी सुभाष गुर्जर को बुधवार 20 सितंबर 2017 की रात्रि में रेलवे फाटक के पास से गिरफ्तार कर दिया गया। एसएसपी के अनुसार, गिरफ्तार अभियुक्त सुभाष गुर्जर (उम्र लगभग 50 वर्ष) ने पूछताछ पर बताया कि उसने कक्षा-आठ तक शिक्षा प्राप्त की है। उसकी गांव के ही तेजपाल पुत्र साधूराम से वर्ष-1998 से रंजिश चली आ रही थी। उसका पिता प्रकाश सिंह, गांव का दो बार प्रधान रह चुका था। सुभाष गुर्जर का बडा भाई अशोक, मुरली मनोहर इण्टर कॉलेज का प्रबन्धक था और तेजपाल उपरोक्त भी इसी कॉलेज का प्रबन्धक बनना चाहता था।
इसी विवाद को लेकर गांव के तेजपाल एवं नरेश पुत्र भोला तथा फेरू पुत्र साधूराम (तेजपाल का भाई) ने मिलकर वर्ष-1998 में अभिुयक्त सुभाष गुर्जर के पिता प्रकाश सिंह की हत्या कर दी थी। इस हत्या के अपराध मेें तेजपाल एवं नरेश तथा फेरू जेल गये थे और करीब 4-5 महीने बाद ये लोग जमानत पर छूट कर बाहर आये थे। इसके बाद अभियुक्त सुभाष, अशोक (अभियुक्त सुभाष गुर्जर का भाई) एवं विश्वास (अभियुक्त सुभाष का भाई) ने मिलकर वर्ष-1998 मेें ही गांव के संजय पुत्र पाले राम एवं ओम प्रकाश पुत्र तिलकराम की हत्या कर दी थी। इस घटना के सम्बन्ध मेें थाना कांधला जनपद शामली में मु.अ.सं. 107/98 धारा 147/148/149/302/201 भादवि है। इस अभियोग मेें अभियुक्त सुभाष गुर्जर, शिव कुमार (अभियुक्त सुभाष का चाचा), कृष्ण, ऋषिपाल, अशोक, एवं मुकेश जेल गये थे।
जेल से छूटने के बाद फिर की हत्या-
इस हत्या के अभियोग मेें न्यायालय द्वारा अभियुक्त सुभाष गुर्जर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी और अभियुक्त सुभाष गुर्जर, उच्च न्यायालय इलाहाबाद से जमानत पर छूट कर बाहर आया था। इसके बाद वर्ष-2001 मेें अभियुक्त सुभाष गुर्जर, अशोक, मुकेश, अमित, विश्वास द्वारा विपक्षी प्रीतम पुत्र धर्म सिंह एवं फेरू की हत्या कर दी गयी। इस सम्बन्ध मेें थाना काॅधला जनपद शामली में मु.अ.सं. 214/01 धारा 147/148/149/504/506/302/34 भादवि पंजीकृत है।
इसके पश्चात विपक्षी नरेश पुत्र भोला, तेजपाल पुत्र साधुराम, सुरेश पुत्र भोला एवं, अजय ने मिलकर वर्ष-2007 मेें अभियुक्त सुभाष गुर्जर के भाई विश्वास की हत्या कर दी। इस घटना मेें नरेश, तेजपाल, सुरेश एवं अजय जेल गये थे।
वर्ष-2014 मेें अभियुक्त सुभाष गुर्जर के पुत्र विपिन का स्कूल के छात्र संघ अघ्यक्ष पद को लेकर गांव के मुनेन्द्र पुत्र फाले सिंह से विवाद हो गया था और इसी विवाद को लेकर अभियुक्त सुभाष गुर्जर आदि ने मुनेन्द्र पर जानलेवा हमला किया था। जिसके सम्बन्ध मेें थाना कांधला, जनपद-शामली में मु.अ.सं. 292/14 धारा 147/148/149/307/504/506/34 आईपीसी पंजीकृत है। इस अभियोग मेें अभियुक्त सुभाष गुर्जर एवं विशाल जेल गये थे। इसके बाद दिनांक 22-09-2016 को एक लाख रूपये की रंगदारी मांगने का विरोध करने पर अपराधियोें द्वारा कस्बा रोहटा जनपद मेरठ के चमड़ा व्यवसायी सुरेश चन्द की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। इस सम्बन्ध मेें थाना रोहटा जनपद मेरठ में मु.अ.सं. 242/16 धारा 147/148/ 149/452/386/120बी/34 भादवि एवं 3(2)5 एस0सी0/एस0टी0 एक्ट पंजीकृत है।
इस हत्या की घटना मेें प्रकाश मेें आने पर अभियुक्त सुभाष गुर्जर, उपरोक्त का चालान मफरूरी मेें किया गया और यह अभियुक्त तभी से फरार चल रहा था, जिस पर पुलिस महानिरीक्षक, मेरठ जोन, मेरठ के स्तर से रू. 12,000/- का पुरस्कार घोषित किया गया।
अपराधियों की प्रदेशभर में धरपकड़ कर रही एसटीएफ-
एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि एसटीएफ, उत्तर प्रदेश को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपदो में वांछित इनामी अपराधियों के सक्रिय होकर अपराधिक घटनाएं कारित किये जाने की सूचनायें प्राप्त हो रही थी। इन अपराधियों की गिरफ़्तारी के लिए पुरे प्रदेश में अपराधियों की गिरफ़्तारी के आईजी एसटीएफ अमिताभ यश के निर्देशन में अभियान चलाया जा रहा है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ अमित पाठक द्वारा एसटीएफ की विभिन्न इकाईयों/टीमों को अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। जिसके अनुपालन में राजीव नारायण मिश्र, अपर पुलिस अधीक्षक एवं राजकुमार मिश्रा, पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ पश्चिमी, गौतमबुद्धनगर के पर्यवेक्षण मेें निरीक्षक आरके पालीवाल व उप निरीक्षक आकाश सिंह के नेतृृत्व में टीम गठित कर अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी तथा अभिसूचना तन्त्र को सक्रिय किया गया। इसके बाद कुख्यात अपराधी सुभाष गुर्जर को गिरफ्तार किया जा सका।