गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई बच्चों की मौत के मामले में आरोपी बनाए गए डॉ. कफील को आज सुबह यूपी एसटीएफ की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। एसटीएफ की टीम अब उन्हें गोरखपुर पुलिस को सौंपेगी। बीआरडी मेडिकल कॉलेज मामले में अब तक कुल 9 लोग आरोपी बनाए गए हैं। सूत्रों के अनुसार डॉ. कफील खान को लखनऊ से पकड़ा गया है। कफील को यूपी एसटीएफ की टीम ने एक सूचना के आधार पर धर दबोचा है। डॉ. काफिल पिछले पंद्रह दिनों से फरार चल रहे थे। कफील अहमद बीआरडी अस्पताल मे उसी वॉर्ड के सुपरिंनटेडेट थे, जिसमे बच्चों की लागातार मौत हो रही थी।
BRD में मौत का तांडव जारी-
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मौत का तांडव जारी है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 29 अगस्त की रात 12 बजे से 30 अगस्त की रात 12 बजे तक 24 घंटे में 13 बच्चों की मौत हुई है। इनमें एनआईसीयू में 08 और पीआईसीयू में अलग-अलग बीमारियों से 5 बच्चों की मौत हो गई है। आपको बता दें कि एनआईसीयू में कुल 114 और पीआईसीयू में 240 मरीज भर्ती हैं। अगस्त महीने में अब तक 399 बच्चों की मौत हो चुकी है।
गोरखपुर घटना के बाद मेडिकल कॉलेज के डॉ. कफील खान का नाम सामने आया था, जिसमें कहा गया है कि उन्होंने मुश्किल समय में ऑक्सीजन सिलेंडर मंगवाए और मदद की। मगर बाद में कफील से जुड़ी कई नई बातें सामने आईं, जोकि बिल्कुल अलग कहानी ही बता रही हैं। मेडिकल कॉलेज से जुड़े कई लोगों ने उन मीडिया रिपोर्ट्स पर हैरानी जताई है, जिनमें कफील को किसी फरिश्ते की तरह दिखाया गया है। जबकि सच्चाई बिल्कुल ही उल्टी है। डॉ कफील बीआरडी मेडिकल कॉलेज के इन्सेफेलाइटिस डिपार्टमेंट के चीफ नोडल ऑफिसर हैं, मगर वो मेडिकल कॉलेज से ज्यादा अपनी प्राइवेट प्रैक्टिस के लिए जाने जाते हैं।
डॉ. काफिल पर आरोप है कि वो अस्पताल से ऑक्सीजन सिलेंडर चुराकर अपने निजी क्लीनिक पर इस्तेमाल किया करता थे, जानकारी के अनुसार कफील और प्रिंसिपल राजीव मिश्रा के बीच गहरी साठगांठ थी और दोनों इस हादसे के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं। मगर हादसे के बाद से उन्हें फरिश्ते की तरह दिखाया गया था, कहा जा रहा है कि इसमें उन्होंने अपने पत्रकार दोस्तों की मदद ली है।
योगी को कुछ नहीं बताया-
डॉ. कफील मेडिकल कॉलेज की खरीद कमेटी का मेंबर है, उन्हें ऑक्सीजन सप्लाई की स्थिति के बारे में पूरी जानकारी थी। 2 दिन पहले जब सीएम योगी आदित्यनाथ मेडिकल कॉलेज के दौरे पर आए थे, वो भी उनके इर्द-गिर्द घूम रहे थे। मगर डॉ. काफिल ने सीएम योगी को ऑक्सीजन की बकाया रकम के बारे में कुछ नहीं बताया था।
मेडिकल कॉलेज के कई कर्मचारियों और डॉक्टरों ने इस बात की पुष्टि की है कि डॉक्टर कफील वहां होने वाली हर खरीद में कमीशन लेता था और उसका एक तय हिस्सा प्रिंसिपल राजीव मिश्रा तक पहुंचाता था। ऑक्सीजन कंपनी पुष्पा सेल्स के साथ चल रहे विवाद में भी राजीव मिश्रा के साथ कफील का बड़ा हाथ था।