बलिया, 25 मार्च 2021
मस्जिदों पर होने वाली अजान को लेकर आपत्ति जताने वाले योगी सरकार के राज्य मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल ने अब बुर्के को लेकर सवाल खड़े किए हैं। राज्य मंत्री ने ‘बुर्के को अमानवीय व्यवहार व कुप्रथा’ करार देते हुए कहा कि देश में तीन तलाक की तर्ज पर ‘मुस्लिम महिलाओं को बुर्के से भी मुक्ति दिलाई जाएगी।’ इस दौरान उन्होंने दावा किया कि अनेक मुस्लिम देशों में बुर्के पर पाबंदी है और यह अमानवीय व्यवहार व कुप्रथा है।
खबरों के मुताबिक, राज्य मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ला ने कहा कि विकसित सोच वाले लोग न तो बुर्का पहन रहे हैं और न ही इसे बढ़ावा दे रहे हैं। तो वहीं, अब इस कुप्रथा से भी देश कि मुस्लिम महिलाओं को मुक्ति दिलाई जाएगी। कहा कि जैसे तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाकर मुस्लिम महिलाओं को मुक्ति दिलाई गई, वैसे ही इससे भी मुक्ति दिलाई जाएगी। इससे पहले योगी सरकार के मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल ने भी लाउडस्पीकर की आवाज पर आपत्ति जताते हुए बलिया जिले के जिलाधिकारी को दो पन्नों की एक चिट्ठी भेजी थी।
चिट्ठी में कहा गया था कि मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर से की जाने वाली तकरीरों से उन्हें योग, पूजा आदि करने में दिक्कत होती है। कहा कि लाउडस्पीकरों की ध्वनि की मात्रा अदालत के आदेशों के अनुसार निर्धारित की जानी चाहिए। इतना ही नहीं, उन्होंने अपनी चिट्ठी में कहा कि विद्यालय के प्रबंधक, छात्र-छात्राओं की तरफ से यह शिकायत की जा रही थी कि उनके गांव मोहल्लों के बाहर मस्जिदों से दिन भर विभिन्न प्रकार के अनाउंसमेंट किए जाते हैं। इससे अनेक तरह की परेशानियां लोगों को हो रही हैं।
मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल बताया कि उनके घर के पास ही भी एक मस्जिद है। यहां से दिन भर चंदा देने का संदेश प्रसारित किया जाता है। कहा कि लाउडस्पीकरों की आवाज से छात्रों, बुजुर्ग नागरिकों और रोगियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। आम जनता को काफी ध्वनि प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है। इस दौरान उन्होंने लाउडस्पीकर को लेकर कोर्ट के आदेश के अनुपालन की बात कही है। कहा कि बलिया की मस्जिदों में लाउडस्पीकरों के ध्वनि की मात्रा इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेशों के अनुसार तय की जानी चाहिए, जबकि अनावश्यक लाउडस्पीकर को हटा दिया जाना चाहिए।