योगी सरकार ने आलू उगाने वाले किसानों को बड़ी राहत दी है। आज हुई कैबिनेट में राज्य सरकार ने 487 रुपए प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर 1 लाख मीट्रिक टन आलू खरीदने का फैसला लिया है।
इसके अलावा यह भी ऐलान किया गया है कि गन्ना किसानों का जो पहले का बकाया है, उसे 120 दिन में पूरा करना होगा और वर्तमान भुगतान 14 दिन के अंदर करना होगा। चीनी मीलों ने इस आदेश के पालन में अगर कोई भी लापरवाही दिखाई तो कार्रवाई की जाएगी।
इसके साथ ही कैबिनेट में बिजली को लेकर भी कई फैसले किए गए हैं। जिसमें उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड को 20 घंटे बिजली देने का फैसला किया गया है। साथ ही जिला मुख्यालयों को 24 घंटे बिजली देने का ऐलान किया गया है।
सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि अब जिला मुख्यालयों को 24 और तहसील मुख्यालयों को 20 घंटे बिजली दी जाएगी। इसके अलावा गर्मी भर गांवों में 18 घंटे बिजली दी जाएगी।
आलू किसानों के आए अच्छे दिन
माना जा रहा है कि 1 लाख मीट्रिक टन आलू खरीदने का फैसला काफी अहम हैं क्योंकि हर बार किसानों को पैदावार के मौसम में बाजार में लागत से कम कीमत पर आलू बेचने के लिए मजबूर होना पड़ता था। इसका फायदा बिचौलिए उठाते थे और सस्ती दरों में आलू बेचकर उसे महंगे दामों में बेचकर भारी मुनाफा काटते थे, जबकि किसानों को उनकी लागत तक नहीं मिल पाती थी। हालात यह थी कि आलू किसान खुद को हर बार ठगा हुआ महसूस करते थे।
जब योगी सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट में गेहूं खरीदने का फैसला किया था, तभी विशेषज्ञों ने दूसरी फसलों पर भी ऐसा फैसला करने की मांग की थी। जिससे किसानों की हालत में सुधार किया जा सके। इन विशेषज्ञों का कहना था कि किसानों का कर्ज माफी के फैसले से कहीं ज्यादा उनकी उपज का सही मूल्य दिलाना और बिचौलियों से मुक्ति है।