लखनऊ: यूपी एटीएस ने आतंकी संगठनों को फंड मुहैया कराने वाले 10 मददगारों को दबोचने में बड़ी सफलता हासिल की है। पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा का 1 आतंकी भारत में टेरर फंडिंग का नेटवर्क संचालित कर रहा था। एटीएस ने गोरखपुर, प्रतापगढ़, लखनऊ और रीवा से टेरर फंडिंग नेटवर्क के करीब 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि लश्कर का आतंकी लाहौर से फोन और इंटरनेट से भारत में अपने लोगों के सम्पर्क में था।
जानकारी के अनुसार लश्कर का आतंकी भारत में अपने सदस्यों से फर्जी अकाऊंट खोलने को कहता था और फिर ये बताता था कि किस अकाउंट में कितना धन डालना है। इस काम में इंडियन एजेंट्स को भी कट ऑफ मिलता था और पाकिस्तान से simbox से अवैध नेटवर्क द्वारा कॉल होती थी। एटीएस के अनुसार अभी और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। कई अन्य जगहों पर एटीएस की छापेमारी जारी है।
एटीएस द्वारा गिरफ्तार लोगों ने पाकिस्तान के लोगों के लिए काम करने की बात स्वीकार की है। इसमें से कुछ ये सोच रहे थे कि ये लॉटरी फ्रॉड का पैसा है, जबकि कुछ को अच्छी तरह मालूम था कि वो टेरर फंडिंग का काम कर रहे हैं। एटीएस को छापेमारी के दौरान 42 लाख नगद, फर्जी खाते के डॉक्युमेंट, पासबुक, मोबाइल, लैपटॉप मिले हैं। गोरखपुर से गिरफ्तार एक आतंकी ने अपना नाम निखिल बताया जबकि असली नाम मुशर्रफ अंसारी निवासी कुशीनगर है।
गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों के नाम:-
1. संजय सरोज, प्रतापगढ़
2. नीरज मिश्रा, प्रतापगढ़
3. साहिल मसीह, लखनऊ
4. शंकर सिंह, रीवा, mp
5. मुकेश प्रसाद, गोपालगंज, बिहार
6. मुशर्रफ अंसारी, कुशीनगर
7. सुशील राय, आज़मगढ़
8. दयानन्द , गोरखपुर
9. नसीम अहमद, गोरखपुर
10. अरशद नईम, गोरखपुर