मुंबई यूनिवर्सिटी में सिलेबस और एग्जामिनेशन पैटर्न में बदलाव को ले कर छात्रों और अध्यापकों ने मिलकर जंग छेड़ दी है। 12 हजार यूनिवर्सिटी के छात्रों ने एक पत्र पर साइन किया है। वहां के टीचर्स एसोसिएशन ने विरोध के तौर पर यूनिवर्सिटी ऑफिस में दिया है।
पत्र में लिखा गया है कि आखरी वक्त में सिलेबस और एग्जाम पैटर्न में बदलाव किए गए और इसके बारे में छात्रों को सूचित भी सूचित नहीं किया गया। इससे फर्स्ट ईयर के सभी स्ट्रीम्स के स्टूडेंट्स खासकर कॉमर्स स्ट्रीम्स के छात्र, फेल हो गए है।
मुंबई यूनिवर्सिटी के फर्स्ट ईयर के सभी स्ट्रीम्स के पहले सेमेस्टर के एग्जाम में केवल 15 प्रतिशत छात्र ही पास हो सके है। 85 फीसदी छात्र फेल हो गए है।
मुंबई यूनिवर्सिटी ने पिछले साल ही सभी कोर्सेज के करिकुलम को रिवाइज करना आरंभ कर दिया था। मुंबई यूनिवर्सिटी ने च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम भी लागू किया।इंटरनल एग्जामिनेशन लेने का फैसला लिया गया और ये एग्जाम BA, BCom and BSc कोर्सेज में लिए गए। इन सब बदलावों को पिछले एकेडमिक ईयर से लागू भी कर दिया गया फिर इसी के आधार पर सेमेस्टर एग्जाम लिए गए।
छात्र इस बदलाव का विरोध आरंभ से ही कर रहे हैं।छात्रों का कहना है कि अगर इस तरह के चेंज करने हैं तो एकेडमिक ईयर शुरू होने से पहले करने चाहिए बीच में नहीं अब छात्रों ने ये भी कहा हे कि उन्हें एग्जाम से केवल एक दिन पहले ही हॉल टिकट मिले थे। कई हॉल टिकट में गलतियां भी थीं।
अध्यापकों का भी कहना है कि छात्रों को सिलेबस में बदलाव और बदले एग्जाम पैटर्न के बारे में सूचना नहीं थी। इसलिए सभी स्ट्रीम्स में फर्स्ट ईयर के छात्र बड़ी संख्या में फेल हो गए है।