दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन दरगाह के दो मौलवी पिछले दिनों पाकिस्तान के लाहौर के दाता दरबार गये थे जहां वह बुधवार से ही लापता हो गए थे। आज दोनों मौलवी पाकिस्तान से दिल्ली सकुशल लौटे और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की। मौलवियों ने कहा कि रॉ एजेंट समझकर पाकिस्तान ने हिरासत में रखा था। लेकिन मौलवियों को लेकर बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बयान देकर मामले को और गरमा दिया है। उन्होंने कहा कि उनके विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि ये मौलवी भारत विरोधी गतिविधयों में शामिल थे। सुब्रमण्यम स्वामी ने दावा किया कि दोनो मौलवी झूठ बोल रहे हैं, अपने बचाव के लिए और सहानभूति पाने के लिए वो कह रहे हैं कि उन्हें रॉ एजेंट समझा गया, जबकि पाकिस्तान की तथाकथित सरकार का कहना है कि उन्हें इस बारे में पता ही नहीं है। तो इतने दिन यह दोनों आईएसआई के साथ क्या कर रहे थे।
क्या है मामला ?
आपको बता दें कि सैयद आसीफ अली निजामी (80) और उनके भतीजे नाजीम अली निजामी दोनों लाहौर के दाता दरबार गये थे जहां वह बुधवार से ही लापता हो गए थे। दोनों मौलानाओं का पता विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के हस्तक्षेप के बाद ही संभव हो पाया है। विदेश मंत्री स्वराज ने पाकिस्तानी अधिकारियों से दोनों भारतीय मौलानाओं का पता लगाने को कहा था। लाहौर हवाई अड्डे से गायब हुए दोनों पीरजादे शनिवार देर शाम कराची में पाए गए। वैसे बीते चार दिनों तक वे कहां गायब रहे, इस बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई है। जिस तरह से हवाई अड्डे से उन्हें गायब किया गया, उसे कोई अन्य संगठन अंजाम नहीं दे सकता। माना जा रहा है कि उनके अचानक गायब होने में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है।