अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि, ‘उनका देश उत्तर कोरिया के खिलाफ ‘सैन्य विकल्प’ के लिए पूरी तरह तैयार है।’ इसके अलावा उन्होंने आगाह किया है कि, ‘दोनों देशों के बीच आगे और तनाव बढ़ने की स्थिति में ऐसा करना ‘विध्वंसकारी’ होगा।’ वहीं ट्रंप ने एक बार फिर उत्तर कोरिया के खिलाफ प्रतिबंध लगा दिया है। ट्रंप ने उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को लेकर उस पर दबाव बढ़ाने के क्रम 8 उत्तर कोरियाई बैंक और 26 बैंक अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
अमेरिका की ऐसी प्रतिक्रिया उत्तर कोरिया के बयान के एक दिन बाद आई है। इस बयान में उत्तर कोरिया ने कहा था कि वह अमेरिका के बमवर्षक विमानों को गिराकर अपनी रक्षा करने के लिए तैयार है।
‘सैन्य विकल्प’ के लिए पूरी तरह तैयार-
ट्रंप ने उत्तर कोरिया को उकसाते हुए कहा कि, ‘अमेरिका का सैन्य अभियान उत्तर कोरिया के लिए तबाही लाने वाला होगा। उनका देश उत्तर कोरिया के खिलाफ ‘सैन्य विकल्प’ के लिए पूरी तरह से तैयार है। दोनों देशों के बीच आगे और तनाव बढ़ने की स्थिति में ऐसा करना ‘विध्वंसकारी’ होगा।’
उत्तर कोरियाई नेता पर लगाया आरोप-
एक सवाल का जवाब देते हुए ट्रंप ने कहा कि, ‘उत्तर कोरियाई नेता (किम जोंग उन) ‘बहुत बुरी तरह व्यवहार’ कर रहे हैं।’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने आरोप लगाया कि वह ऐसी बातें कह रहे हैं, जो पहले कभी नहीं कही गईं।
उ. कोरिया को अलग-थलग करने की दिशा में कदम-
वहीं अमेरिकी वित्त मंत्री स्टीवन न्यूचिन ने एक बयान में कहा कि, ‘शांतिपूर्ण और परमाणु हथियारों से मुक्त कोरिया प्रायद्वीप के अपने बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए यह (ताजा प्रतिबंध) उत्तर कोरिया को अलग-थलग करने की दिशा में एक और कदम है।’ इस कदम के बाद इन बैंकों और लोगों की अमेरिका में सभी संपत्तियों और हितों पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी।
एक हफ्ते में दो बैन-
एक हफ्ते के अंदर अमेरिका द्वारा उत्तर कोरिया पर लगाया गया यह दूसरा प्रतिबंध है। इससे पहले अमेरिका ने ट्रैवल बैन वाली एक नई सूची जारी की थी, जिसमें उत्तर कोरिया का नाम भी शामिल था।
युद्ध की धमकी-
अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच तनाव खत्म होने की जगह बढ़ता ही चला जा रहा है। उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री री योंग हो ने सोमवार को अमेरिका द्वारा युद्ध की घोषणा का दावा किया। इसके अलावा इसका जवाब देने की धमकी भी दी थी।
आपको बता दें कि उत्तर कोरिया ने इस महीने की शुरुआत में अपना सबसे बड़ा परमाणु परीक्षण किया था, जिसके बाद से तनाव नाटकीय रूप से बढ़ गया है। उत्तर कोरिया की सरकार संचालित केसीएनए समाचार एजेंसी ने इसे हाइड्रोजन बम करार दिया था।