अगरतला: त्रिपुरा की 60 सदस्यीय विधानसभा की 59 सीटों के लिए कुल 292 उम्मीदवारों के राजनीतिक भविष्य का फैसला करने के लिए आज वोट डाले जा रहे हैं। सुबह सात बजे ही लोग पोलिंग बूथ पर मतदान करने पहुंच गए। वोटिंग शाम 4 बजे तक चलेगी। चारीलम निर्वाचन क्षेत्र से मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) उम्मीदवार रामेंद्र नारायण देववर्मा के निधन के कारण इस सीट का चुनाव रद्द किया जा चुका है। चुनाव आयोग ने उस सीट के लिए मतदान की तारीख 12 मार्च तय की है। चुनाव में पहली बार भाजपा और वामपंथियों के बीच सीधा मुकाबला है। वर्ष 2013 के चुनाव में महज 1.57 वोट हासिल करने वाली भाजपा कई सीटों पर माकपा पर भारी पड़ रही है। राज्य में तीन मार्च को मतगणना होगी। माकपा ने 57 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। मुख्यमंत्री माणिक सरकार पांचवीं बार सत्ता पर काबिज होने के लिए धनपुर विधानसभा क्षेत्र से मैदान में है। उनका मुकाबला भाजपा की प्रतिमा भौमिक और कांग्रेस की लक्ष्मी नाग बर्मन से है।
माकपा राज्य में 1978 से सत्तारूढ है, इस बीच 1988 से 1993 तक कांग्रेस नीत गठबंधन का शासन रहा। वाम मोर्चा ने 1993 में दोबारा वापसी की और उसके बाद पीछे मुड़ कर नहीं देखा। भाजपा ने 51 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं और नौ सीटें अपनी सहयोगी इंडिजीनस पीपुल्स पार्टी (आईपीएफटी) के लिए छोड़ दी हैं। राज्य में सत्तारुढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को चुनौती देने के लिए भाजपा ने जनजातीय समर्थक पार्टी आईपीएफटी से गठबंधन किया है जबकि कांग्रेस अपने बूते चुनाव मैदान में खड़ी है। इसके अलावा एक दूसरी जनजातीय समर्थक पार्टी इंडिजीनस नेशनलिस्ट पार्टी ऑफ त्विपरा (आईएनपीटी) के साथ ही चुनाव में खड़े विभिन्न राजनीतिक दलों तथा निर्दलीय उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला आज ईवीएम मशीनों में कैद हो जाएगा।