इंदौर : भय्यूजी महाराज ने सुसाइड करने से पहले सुसाइड नोट में आश्रम, प्रॉपर्टी और वित्तीय शक्तियों की सारी जिम्मेदारी अपने वफादार सेवादार विनायक को दी लेकिन अभी पुलिस जांच चल रही है। जांच के बाद ही ये निर्णय होगा कि भय्यूजी महाराज का उत्तराधिकारी कौन होगा। हालांकि ये बात सामने जरूर आई है कि दिवंगत भय्यूजी महाराज को विनायक पर इतना भरोसा था कि उनकी जिंदगी से जुड़ी हर बात विनायक को पता होती थी। उनके हर फैसले में विनायक सहभागी होते थे। महाराज भी उनकी बात का आदर करते थे। यही कारण लगता है कि उन्होंने संपत्ति के सारे अधिकार विनायक को सौंपे हैंं।
भय्यूजी महाराज मध्य प्रदेश के शुजालपुर के जमींदार परिवार से थे। भय्यूजी अपनी हाईप्रोफाइल लाइफ की वजह से भी चर्चा में रहते थे। भय्यूजी महाराज का श्री सद्गुरु दत्त धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट देशभर में है। केवल महाराष्ट्र में ही इस ट्रस्ट के 20 से ज्यादा केंद्र है। एक अनुमान के मुताबिक भय्यूजी महाराज की कुल संपत्ति एक हजार करोड़ रुपये के आसपास है। भय्यूजी महाराज का इंदौर में सुखलिया स्थित सर्वोदय आश्रम सहित दो घर है। उन्हें लग्जरी गाड़ियों और स्विस घड़ियों का बहुत शौक था। भय्यूजी के पास 10 से ज्यादा लग्जरी गाड़ियां थीं और सभी गाड़ियां सफेद रंग की थी। वो रोलेक्स ब्रांड की घड़ी पहनते थे और आलीशान भवन में रहते थे।
ये है भय्यूजी महाराज और ट्रस्ट की संपत्ति
– इंदौर के बापात चौराहा स्थित सूर्योदय आश्रम
– इंदौर के स्कीम नंबर 74 स्थित तीन मंजिला बंगला ‘शिवनेरी’
– इंदौर के सिल्वर स्क्रीन टाउनशिप में आलीशान बंगला
– इंदौर के स्कीम 114 में बेशकीमती प्लाट
– महासिद्ध पीठ ऋषि संकुल खामगांव (महाराष्ट्र)
– विश्वनाथ शांति प्रसार केंद्र अकोला (महाराष्ट्र)
– सांगोला आश्रमशाला, सोलापुर (महाराष्ट्र)
– मुर्टा आश्रमशाला, तुलजापुर, उस्मानाबाद (महाराष्ट्र)
– सूर्य मंदिर साधना केंद्र पुणे महाराष्ट्र
– सूर्योदय धरती पुत्र ज्ञान प्रबोधिनी विद्यालय, धार (एमपी)
– सूर्योदय पारदी समाज आदिवासी आश्रमशाला, सजनपुर