बकरीद के मौके पर राजनेताओं और पत्रकारों को संबोधित करते हुए अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि यह सरकार विरोधी हथियारबंद समूहों के लिए शांति का मार्ग चुनने का सही समय है। यदि वे अफगान हैं और दूसरों के हाथों की कठपुतली नहीं हैं, तो उन्हें हथियार छोड़ शांति का मार्ग अपना लेना चाहिए।
राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि, ‘सरकार विरोधी सशस्त्र समूहों को सही मार्ग चुनना चाहिए। यह समय है कि जब उन्हें चुनना चाहिए कि क्या वे अफगान हैं और अफगानिस्तानी मां की कोख से उनका जन्म हुआ है या खवारिज (एक बुराई समूह के सदस्य, जो इस्लाम की पहली शताब्दी में थे) के हाथों की कठपुतली हैं, जो अफगानिस्तान के लोगों को बांटना चाहते हैं।’ उन्होंने आगे कहा कि, ‘एक बार फिर मैं उन सभी (आतंकवादी समूहों) की ओर शांति का हाथ बढ़ाता हूं और उन्हें बताता हूं कि शांति ईश्वर का आदेश है।’
राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अफगान सुरक्षा और रक्षाबलों के बलिदान की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि, ‘सभी अफगान हमारे सुरक्षा बलों के लगातार बलिदान की सराहना करते हैं और मैं अफगानिस्तान के सुरक्षा बलों के समर्थन पर राष्ट्रीय सहमति के लिए आभारी हूं।’ देश में मस्जिदों पर हाल ही में हुए हमलों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने लोगों से एकजुट रहने का अह्वान किया है। उन्होंने कहा, ‘यह स्पष्ट होना चाहिए कि किसी भी पवित्र स्थान पर हमले, फिर वे मस्जिद हों या अकादमिक केंद्र हो, सभी अफगानों पर हमले माने जाएंगे और उनकी सभी अफगानों द्वारा निंदा की जानी चाहिए।’
राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अफगानिस्तान की विदेश नीति में बड़े बदलावों की ओर इशारा करते हुए कहा कि निकट भविष्य में अफगानों की पिछले चार दशकों की इच्छा पूरी होगी। उन्होंने कहा कि, ‘यहां से मुझे पाकिस्तान को एक संदेश देना है कि हम व्यापक राजनीतिक वार्ता के लिए तैयार हैं। पाकिस्तान के साथ शांति हमारे राष्ट्रीय एजेंडे में है।’