उत्तर प्रदेश में बाढ़ से मरने वालों का आंकड़ा 100 के पार पहुंच चुका है और सैलाब के कारण अब तक करीब एक अरब रुपये की फसल नष्ट हो चुकी है।
राहत आयुक्त कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश के बाढ़ग्रस्त जिलों में पिछले 24 घंटे के दौरान पांच और लोगों की मौत के साथ बाढ़जनित हादसों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 101 हो गई है। बाढ़ से ढाई लाख हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में लगी फसल डूब चुकी है और किसानों को अब तक 96 करोड़ 58 लाख 84 हजार रुपये का नुकसान हो चुका है। फिलहाल अभी नुकसान के आकलन का काम जारी है, लिहाजा यह आंकड़ा और भी ज्यादा बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
प्रदेश के 24 जिलों में करीब 27 लाख लोग अब भी बाढ़ से प्रभावित हैं। प्रभावित इलाकों में 675 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं। इसके साथ ही 341 राहत शिविरों और 252 राहत वितरण केन्द्रों की स्थापना की गई है। अब तक लगभग 1 लाख 10 हजार लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है। वहीं, करीब 60 हजार लोग राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।
गोरखपुर से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक जिले में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में अब संक्रामक बीमारियां फैल रही हैं। इनकी रोकथाम के लिए जिले के स्वास्थ्य विभाग ने 89 टीमों का गठन किया है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर रवीन्द्र कुमार ने बताया है कि बाढ़ से पूरी तरह डूबे इलाकों में दो-तीन सदस्यो की पैरा मेडिकल टीम इन क्षेत्रों मे मरीजों को दवा आदि के वितरण का काम कर रही है। इसके साथ ही 11 स्टैटिक मेडिकल वैन के माध्यम से लोगों की चिकित्सकीय जांच का निदान किया जा रहा है। इसके अलावा 16 हैल्थ कैम्प भी लगाए गए हैं, जहां बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के रोगियों के इलाज की व्यवस्था की गई है।
इस बीच, केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक घाघरा नदी एल्गिनब्रिज बाराबंकी, अयोध्या, फैजाबाद और तुर्तीपार, बलिया में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। हालांकि राप्ती नदी का जलस्तर घट रहा है, मगर यह अब भी रिगौली, गोरखपुर और बर्डघाट, गोरखपुर में लाल चिन से ऊपर बना हुआ है।बूढ़ी राप्ती नदी ककरही सिद्धार्थनगर और उस्काबाजार, सिद्धार्थनगर, जबकि दोनों नदी चंद्रदीपघाट, गोण्डा में और शारदा नदी पलियाकलां खीरी में लाल निशान से ऊपर बह रही है।