गुजरात के गांधीनगर में दलित युवक को मूंछ रखने पर ब्लेड मारने का एक मामला फर्जी निकला है। पुलिस जांच टीम के मुताबिक लिंबोदरा गांव के 17 साल के दलित लड़के का दावा गलत है। पुलिस के सामने उसने खुद स्वीकार किया कि हमला उसने खुद अपने दोस्त से करवाया था। इससे पहले लड़के ने दावा किया था कि 3 अक्टूबर को मूंछ रखने पर उसकी पिटाई की गई और ब्लेड से हमला किया गया। वहीं गांधीनगर पुलिस और फॉरेंसिक टीम की जांच में घटनास्थल से कोई ब्लेड बरामद नहीं हुआ। इसके साथ ही टीम किसी हमलावर या उनकी गाड़ी का पता नहीं लगा पाई है।
आपको बता दें कि मामले की जांच कर रही गांधीनगर पुलिस ने यह बात कही है कि लड़के दिंगत माहेरिया ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया है कि मीडिया में आने के लिए उसने यह झूठी कहानी गढ़ी थी। हालांकि उसने कहा कि उसके कजन कृणाल माहेरिया और एक दूसरे लड़के पर हमले की बात सही है। आपको बता दें कि दिंगत के झूठे दावों से पहले दलित लड़कों पर दो हमलों की बात सामने आई थी। इसके बाद गुजरात के साथ ही पूरे देश में विरोध का दौर शुरू हो गया था। फेसबुक पर भी दलित युवाओं द्वारा राइट टु मुस्टैच अभियान शुरू किया गया था।
रिपोर्ट के मुतकजन कृणाल पर हुए हमलों के बाद सोशल मीडिया में दलितों पर हमला हॉट टॉपिक बन चुका था। इसी को देखते हुए दिंगत ने यह नाटक को अंजाम दिया। जब उसने अपने दोस्तों से ब्लेड मारने की बात कही तो उन्होंने मना कर दिया और कहा कि लाठी का इस्तेमाल करना ज्यादा सही रहेगा। हालांकि दिंगत ने उन्हें कहा कि लाठी से मार की बात ज्यादा सनीसनीखेज नहीं लगेगी। इसके बाद उसने 10 साल के बच्चे की मदद से ब्लेड मंगवाया और 3 अक्टूबर की शाम को इस नाटक को अंजाम दिया।
पुलिस टीम ने कथित वारदात स्थल पर मौजूद पानवाले से भी पूछताछ की थी। उसने भी किसी घटना के होने से इनकार किया था। पुलिस ने दिंगत के कहने पर उसपर हमला करने वाले युवक और उसके परिवार वालों से भी पूछताछ की। उन्होंने भी यह बात कबूल कर ली है।
आपको बता दें कि इससे पहले पीयूष परमार और कृणाल माहेरिया की मूंछे रखने के चलते उच्च जाति के युवकों द्वारा पिटाई किए जाने की घटना सामने आई थी। इस मामले के झूठी साबित होने के बाद पुलिस का कहना है कि अब वह पीयूष और कृणाल के केस में भी अच्छे से जांच करेगी।