आरटीआई के जवाब में रक्षा मंत्रालय ने यह बात कही है कि 29 सितंबर, 2016 को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में घुसकर आतंकियों के लॉन्च पैड पर भारतीय सेना की थी उसे देश के इतिहास में पहली सर्जिकल स्ट्राइक माना गया है।
पुणे के रहने वाले प्रफुल्ल शारदा ने 29 सितंबर, 2016 को हुई इस सैन्य कार्रवाई को लेकर सुरक्षा के अधिकार कानून के तहत जानकारी मांगी थी। इसमें उसने तीन सवाल पूछे थे। इन सवालों के जवाब में ही रक्षा मंत्रालय ने 29 सितंबर, 2016 को हुई सर्जिकल स्ट्राइक को देश के इतिहास में पहली सर्जिकल स्ट्राइक बता या है। क्योंकि RTI के जवाब में रक्षा मंत्रालय ने साफ किया कि उनके पास सितंबर से पहले की गई ऐसी किसी सर्जिकल स्ट्राइक का रिकॉर्ड नहीं है।
क्या थे वो तीन सवाल और उसके जवाब
1. भारतीय सेना ने सितंबर, 2016 से पहले कितनी बार सर्जिकल स्ट्राइक की थी और उनमें से कितनी सफल रही थीं?
जवाब: RTI के इस सवाल के जवाब में रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उनके पास सितंबर से पहले की गई ऐसी किसी सर्जिकल स्ट्राइक का रिकॉर्ड नहीं है।
2. सितंबर, 2016 के बाद ऐसी कितनी सर्जिकल स्ट्राइक की गई और उनमें से कितनी स्ट्राइक सफल रही थीं?
जवाब: दूसरे जवाब में मंत्रालय ने कहा कि संबंधित एजेंसी ने बताया कि 29 सितंबर, 2016 को सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक की थी।
3. इन सर्जिकल स्ट्राइक में हमारे कितने जवान शहीद हुए?
जवाब: तीसरे सवाल के जवाब में और इस ऑपरेशन में भारतीय सेना को किसी तरह की जनहानि नहीं हुई थी।
वहीं प्रफुल्ल कहते हैं कि आरटीआई ने कांग्रेस के दिग्विजय सिंह, राजीव शुक्ला, रणदीप सुरजेवाला के साथ एनसीपी प्रमुख शरद पवार जैसे नेताओं के दावे धरे के धरे रह गएँ हैं जिन्होंने दावा किया था कि उनके रक्षामंत्री रहने के दौरान भारतीय सेना ने चार बार सर्जिकल स्ट्राइक की थी।