देश की पहली वीरांगना जिसने महज 23 साल की उम्र में ही अभूतपूर्व ज़ज़्बे की मिसाल कायम कर दी थी। जिसने अपनी जान की परवाह किये बगैर सैंकड़ों ज़िन्दगियों को तबाह होने से बचाया था।

जी हाँ आज हम आपको बताने जा रहे हैं ‘द ब्रेव डॉटर ऑफ़ इण्डिया’ के नाम से मशहूर ‘नीरजा भनोट’ के बारे में जिसकी मौत पर भारत के साथ-साथ पाकिस्तान भी रोया था। नीरजा की निडरता और हिम्मत को देखते हुए भारत में उसे ‘द ब्रेव डॉटर ऑफ़ इण्डिया’ और पाकिस्तान ने ‘तमगा -ए -इंसानियत‘ के खिताब से नवाजा था।

 

1. पंजाब की शेरदिल लड़की थी

पंजाब प्रान्त के शहर चंडीगढ़ में 7 सितम्बर 1964 को जन्मी इस वीरांगना को उसके जन्मदिन से दो दिन पहले 5 सितम्बर 1986 को आतंकवादियों ने बड़ी ही बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था। पर मरने से पहले भारत की इस बहादुर बेटी ने देश-विदेश के लोगों को मिलाकर लगभग 360 जाने बचाई थी। नीरजा की वीरतापूर्वक शहादत को देखते हुए भारत सरकार ने इस बेटी को देश के सर्वोच्च सम्मान ‘अशोक चक्र’ से भी नवाजा था। नीरजा के नाम से देश में एक डाक टिकट भी ज़ारी किया गया था। मोगा के गांव घलकलां के देशभगत पार्क में उसका एकमात्र स्टेच्यू स्थापित किया गया है। वहीं पर 16 फुट लंबा जहाज बनाया गया है।

2. शहादत से पहले के वो 17 घंटे

ये बात उस मनहूस दिन की है जब विमान pan am73 , करीब 380 यात्री लेकर पाकिस्तान के करांची हवाई अड्डे पर पायलट का इंतजार कर रहा था। अचानक उसमें चार हथियारबंद आतंकवादी घुस गए और सभी यात्रियों को गन प्वांइट पर ले लिया।नीरजा भनोट इंडियन एयरलाइन्स की उस फ्लाइट में फ्लाइट अटेंडेंड के तौर पर काम करती थी। आंतकवादी प्लेन को इज़राइल में क्रैश कराना चाहते थे। पर नीरजा ने अपनी बहादुरी से नाकि विमान को बचाया बल्कि 360 ज़िन्दगियों को भी बचाया।

3. बौखलाए आतंकी इज़राइल में कराना चाहते थे प्लेन क्रैश

आंतकवादी प्लेन को इज़राइल ले जाना चाहते थे इसके लिए उन्होंने सरकार से पायलट भेजने की मांग की पर सरकार ने उनकी मांग मानने से इंकार कर दिया। आंतकवादी प्लेन को इज़राइल में क्रैश कराना चाहते थे। पर नीरजा ने अपनी बहादुरी से नाकि विमान को बचाया बल्कि 360 ज़िन्दगियों को भी बचाया।

4. अमरीकियों को भारत की बेटी ने बचाया

तब उनमे से एक आतंकी के कहने पर आतंकवादियों ने सिर्फ अमरीकी यात्री को मारने का विचार बनाया। ताकि इससे अमरीका भी सकते में आ जाए और पाकिस्तान पर हमारी मांगे पूरी करने का दबाव डाले। इसके लिए आतंकवादियों ने सब के पासपोर्ट जमा करा लिए ताकि उनमे से अमरीकी नागरिक की पहचान हो सके। पर नीरजा ने चतुराई दिखाते हुए अमरीकी यात्रियों के पासपोर्ट छोड़कर बाकी सारे पासपोर्ट आतंकियों को दे दिए।

5. तिलमिलाए आतंकियों ने ताबड़तोड़ बरसाई गोलियां

इस बात से तिलमिलाये आतंकवादियों ने एक एक करके यात्रियों को मारना शुरू कर दिया। पर सैंकड़ों लोगों की जान बचाने के लिए ये लड़की लगभग 17 घंटों तक आतंवादियों से झूझती रही ,उनका दिमाग फिराती रही ताकी जितना हो सके उतनी देर तक मौत को टाला जा सके। पर कुछ घंटे बाद नीरजा को आभास हो गया कि प्लेन का फ्यूल खत्म होने वाला है और फ्यूल के खत्म होते ही पूरे प्लेन में अफरातफरी मच जायेगी। हुआ भी वही जिसका नीरजा को डर था जिसे ही विमान का ईंधन खत्म हुआ प्लेन में अँधेरा छा गया और आंतकियों ने बेहताशा और अंधाधुंध यात्रियों पर गोलियां बरसाना शुरू कर दी।

6. गोलीबारी के बीच से 360 ज़िंदगियां बचाकर लायी थी नीरजा

मौका देखकर पाक कमांडो भी विमान के पास पहुंच गए। इसे घबराये यात्रियों में चीख-पुकार मच गयी। नीरजा ने तब भी निडरता दिखाते हुए अँधेरे की आड़ में आंतकियों को चकमा देते हुए 380 यात्रियों में से 360 यात्रियों को सुरछित प्लेन के बाहर निकाल दिया।

7. बच्चे को बचाने की खातिर खुद पर खाई गोलियां

पर आखिर में जब नीरजा खुद बाहर आने लगी तभी उससे एक बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। नीरजा ने तब अपनी जान की परवाह किये बगैर पहले उस बच्चे की जान बचाना ज़्यादा ज़रूरी समझा। पर जैसे ही नीरजा बच्चे को बाहर ला रही थी तभी आतंकवादियों ने नीरजा पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी। जिसकी वजह से नीरजा की तुरंत मौत हो गयी ,पर मरने से पहले भी नीरजा ने उस बच्चे की भी जान बचा ली थी।

8. 20 ज़िंदगियाँ फिर भी खत्म हो गयी

लगभग 17 घंटों तक मौत से लड़ने वाली नीरजा ने खुद की जान गंवा कर 360 जानों को तो जीत लिया था पर 20 ज़िंदगियाँ पलक झपकते ही खत्म हो गयी थी। इस मुठभेड़ में सभी आतंकवादी मार दिए गए थे और जाँच में ये बात सामने आयी थी कि सभी दहशतगर्द लीबिया के थे।

9. पाकिस्तान भी रोया था उसकी मौत

पर अपने जन्मदिन से दो दिन पहले शहीद होने वाली नीरजा भनोट की शहादत पर हिन्दुस्तान ही नहीं बल्कि पाकिस्तान भी रोया था। शहीद नीरजा को भारत सरकार ने कई सम्मान से सम्मानित किया था।

10. सोनम कपूर ने भी कोशिश की नीरजा बनने की

नीरजा भनोट के सम्मान पर बॉलीवुड में भी फिल्म ‘नीरजा’ का निर्माण किया गया था। इस फिल्म में सोनम कपूर ने नीरजा का किरदार निभाया था। दर्शकों के साथ-साथ क्रिटिक्स ने भी इस फिल्म को काफी सरहाया था। इस फिल्म को आईफा 2017 में बेस्ट मूवी का अवार्ड दिया गया। साथ ही मूवी को नेशनल अवार्ड से भी नवाजा गया था। नीरजा भनोट के नाम पर हर साल एक अवार्ड भी दिया जाता है।

11. आसमान में उड़ने की थी ख़्वाहिश थी इस सुपरमॉडल की

नीरजा को बचपन से ही प्लेन में बैठने और आकाश में उड़ने की इच्छा थी। नीरजा भनोट की शादी 1985 में हो गई थी, लेकिन दहेज के दबाव के कारण उनके रिश्तों में खटास आ गई। वे शादी के दो महीने बाद ही मुम्बई लौट आई थीं। 1986 में मॉडल के रूप में उन्होंने कई टीवी और प्रिंट ऐड करना शुरू कर दिए थे। शौक को पूरा करने के मकसद से नीरजा ने बाद में एयरलाइंस ज्वाइन कर ली।

12. नीरजा भनोट के ज़ज़्बे से मिलेगी प्रेरणा

नीरजा भनोट 7 सितम्बर को अपने अगले जन्मदिन का जश्न मनाने वाली थी पर उनका ये ख्वाब अधूरा ही रह गया और उनके परिवार के साथ ही पूरी दुनिया की आँख में पानी रह गया। आज देश की पहली वीरांगना नीरजा भनोट की बेमिसाल शहादत 31 साल पूरे हो गए हैं और आज हम पूरे देश की तरफ से देश की बहादुर बेटी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं और ऐसी कामना करते हैं कि नीरजा भनोट के जज़्बे और हिम्मत से प्रेरणा लेकर पूरा देश राष्ट्र सुरक्षा के लिए अग्रसर हो।