दिल्ली के जंतर-मंतर पर 39 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे तमिलनाडु के किसानों ने आज जंतर-मंतर पर मूत्र पीकर सरकार का विरोध जताया है। किसानों का कहना है कि अगर उनकी अब भी नहीं सुनी गई तो वो रविवार को मानव मल खाने की हद भी पार करेंगे।
पिछले एक महीने में इन किसानों ने नग्न होकर प्रदर्शन किया, कई इंसानी खोपड़ी लेकर जंतर मंतर पर बैठे व नग्न होकर भी प्रदर्शन किया है। कई इंसानी खोपड़ी लेकर इन किसानों का कहना है कि ये उन किसानों की खोपड़ी है जिन्होंने लाचारी में आत्महत्या की है। आज किसान प्लास्टिक की बोतलों में मानव मूत्र लेकर बैठे हैं।
Tamil Nadu farmers drink urine protesting over drought relief funds and waiver of farmers' loans at Delhi's Jantar Mantar. pic.twitter.com/LmxqzZktHi
— ANI (@ANI_news) April 22, 2017
एक आंदोलनकारी किसान ने मीडिया से कहा, ‘हमें तमिलनाडु में पीने को पानी नहीं मिल रहा है। पीएम मोदी हमारी प्यास को नजरअंदाज कर रहे हैं। इसलिए हमारे पास पेशाब से अपनी प्यास बुझाने के अलावा और कोई चारा नहीं है।’
धवार को तमिलनाडु के एकमात्र बीजेपी सांसद पोन राधाकृष्णन से मिलने के बाद किसानों ने तीन दिन शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने का फैसला किया है। उनका कहना है कि रविवार तक अगर सरकार कोई फैसला नहीं करती है तो वो अपना ही मल खाएंगे और पेशाब पीएंगे।
कोर्ट ने माना था कि किसानों की हालत वाकई बेहद चिंताजनक है। 13 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में किसानों की आत्महत्या को लेकर राज्य सरकार को फटकार लगाई थी। अदालत के मुताबिक ऐसे स्थितियों में सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अपने नागरिकों का ख्याल रखे। कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दो हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है।
किसानों की मांग
तमिलनाडु के किसान इन दिनों भयंकर सूखे का सामना कर रहे हैं। दक्षिण-पश्चिमी मानसून और पूर्वोत्तर मानसून सामान्य से 60 फीसदी बरसा है। ऐसे में कर्ज का बोझ उनकी जिंदगी को और कठिन बना रहा है। किसान कर्ज माफी के साथ राहत पैकेज की भी मांग कर रहे हैं। किसानों का आरोप भी है कि आत्महत्या के बढ़ते मामलों के बावजूद सरकार उनकी सुनवाई नहीं कर रही है।