विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को दो टूक जवाब दिया है। सुषमा ने कहा कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकती है। उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि दोनों देशों के बीच किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता किसी भी सूरत में मंजूर नहीं है। इसके साथ ही विदेश मंत्री ने कहा कि अगले साल अस्ताना में होने वाली एससीओ (SCO) समिट में पीएम मोदी और नवाज शरीफ की मुलाकात के बारे में कुछ भी तय नहीं है।
विदेश मंत्रालय की वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के मौके पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत सरकार की सभी योजनाओं में भारतीय राजदूत सक्रिय है, जिसके चलते एफडीआई में 35.7 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि पिछले तीन साल में 80 हजार से ज्यादा लोगों को विदेश से लाया गया है, जो वहां फंस गए थे।
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत चीन के साथ हवाई क्षेत्र उल्लंघन का मुद्दा उठाएगा। आपको बता दें कि चीन ने हाल ही में उत्तराखंड में हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया था।
पेरिस समझौते पर अमेरिका को दो टूक-
सुषमा एच-1बी वीजा, पेरिस समझौते पर ट्रंप के भारत विरोधी बयान पर जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘ओबामा के कार्यकाल के दौरान जिस तरह से हमारे संबंध सही दिशा में थे, उसी तर्ज पर ट्रंप के कार्यकाल में हमारे संबंध सकारात्मक दिशा में है। ट्रंप प्रशासन भारत और अमेरिका के संबंधों को पारस्परिक लाभ का संबंध मान रहा है। एच-1बी वीजा के बारे में सुषमा ने कहा कि हम इस मुद्दे पर अमेरिकी प्रशासन के संपर्क में है।
ट्रंप के बयान पर सुषमा ने कहा, ‘हमने पेरिस समझौते पर किसी के दबाव से हस्ताक्षर नहीं किया था। भारत की पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता के लिए हमने हस्ताक्षर किया। यह आज की प्रतिबद्धता नहीं है। यह भारतीय सांस्कृतिक धरोहर है। किसी भी तरह के दबाव के आरोप को मैं खारिज करती हूं। भारत पेरिस समझौते का हिस्सा बना रहेगा।’